आमतौर पर हवाई यात्रा को लेकर लोगों की काफी शिकायतें होती है. कुछ लोगों की तो एयरपोर्ट को लेकर शिकायत होती हैं. वहीं कुछ का कहना होता है कि कैबिन क्रू का रवैया उन्हें पसंद नहीं. लेकिन अब हम आपको ऐसा मामला बताते हैं जिसमें अगर कैबिन क्रू लापरवाही बरतता तो शायद किसी के लिए काफी मुश्किल खड़ी हो सकती थी. लेकिन इस मामले कैबिन क्रू ने बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरती और शायद इसी के कारण उनकी वाहवाही हो रही है.
क्या है मामला
दरअसल एक होने वाली मां ने साउथ अफ्रीका के डकर से एक फ्लाइट को लिया. दरअसल यह फ्लाइट Brussels Airlines की थी. फ्लाइट ने टेक ऑफ किया ही था कि महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी. अब बीच हवा में इस तरह के हालात के कैसे लड़ा जाए, यह काफी गंभीर सवाल है. मामला वैसे भी मेडिकल का है. अगर जरा सी भी गलती या चूक हो जाए तो किसी की जान पर बन सकती है.
दरअसल जिस दौरान महिला प्रसव पीड़ा से गुजर रही थी, उसी दौरान एक कैबिन क्रू मेंबर, जिसका नाम जेनेफर जोई है उसने महिला की परेशानी को समझा. जेनेफर खुद भी एक मां हैं. उन्होंने महिला के पेट में होने वाले दर्द को समझा साथ ही हो रहे बदलावों को देखा. इसके बाद जेनेफर समझ गई कि महिला की डिलिवरी फ्लाइट में ही करवानी होगी.
हवा में आई नवजात की आवाज
न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार जेनेफर ने बिना कोई देरी किए फ्लाइट में बैठे एक डॉक्टर से मदद मांगी. साथ ही हाल ही में नर्स की पढ़ाई पूरी करने वाली एक महिला को मदद के लिए बुला लिया. जिस दौरान यह सब हो रहा था फ्लाइट में बैठे लोगों की सांसे तो मानों रुक सी गई थी. क्योंकि बीच फ्लाइट में इस तरह के मेडिकल हालात से डील करना थोड़ा मुश्किल भी था. इस दौरान जेनेफर ने खुद भी उनकी मदद की.
कुछ समय बाद महिला की डिलिवरी हो गई. बच्चे को अच्छी तरह से देखा गया कि क्या वह स्वस्थ है? क्या वह सांस ले पा रहा है? इसके अलावा जब वह बार रोया तो यह पल फ्लाइट में बैठे सभी लोगों के लिए एक खुशनुमा लम्हा सा बन गया. एयरलाइन की तरह से जेनेफर की एक फोटो भी जारी की गई, जिसमें उन्होंने नसजात को हाथों में लिया हुआ है.
क्या कहना है जेनेफर का?
जेनेफर बताती हैं कि ट्रेनिंग के दौरान उस लोगों को किसी भी प्रकार की एमरजेंसी के लिए तैयार किया जाता है. यहां तक के बच्चे के जन्म तक के लिए. लेकिन असल परीक्षा उनकी तब होती है जब कोई एमरजेंसी सामने आ खड़ी हो और वह उसका सामना कर पाएं.