संगरूर जेल विभाग में वार्डन के तौर पर नौकरी कर रहे धुरी निवासी गुरप्रीत सिंह बाठ ने अपनी 11 सदस्य टीम के साथ हिमाचल प्रदेश की 19553 फीट ऊंची माउंट के कनामो पीठ पर देश का 100 मीटर लंबा तिरंगा झंडा फहराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले इस पीक पर 280 फीट लंबा झंडा फहराने का रिकॉर्ड है. उन्होंने बताया कि ये रास्ता इतना आसान नहीं था. रास्ते में बहुत मुश्किलें आईं. जिस समय हिमाचल की इस माउंट के कनामो पीक पर जाने का समय चुना गया था उस समय हिमाचल में तेज बारिश हो रही थी लैंडस्लाइड हो रही थी. देश के विभिन्न राज्यों पर्वतारोहियों की 11 सदस्य टीम बनी थी. इस टीम को लीड कोटकपुरा के गुरप्रीत सिद्धू और पंकज मेहता कर रहे थे. पीक पर पहुंचने के लिए सभी नेजय जवान जय किसान के नारे लगाए.
दिल में था जुनून
पर्वतारोही गुरप्रीत बताते हैं कि उनको पहाड़ों पर चढ़ने का और ऊंची चोटियों को सर करने का जुनून था. इसलिए उन्होंने दार्जिलिंग जाकर इसकी ट्रेनिंग भी ली कि पहाड़ों पर कैसे चढ़ा जाता है? अगर कोई मुश्किल आ जाए तो कैसे बचा जा सकता है? गुरप्रीत ने बताया कि वह पंजाब जेल विभाग में वार्डन के तौर पर संगरूर जेल में तैनात हैं और वहां से छुट्टी लेकर पहाड़ों की ऊंची चोटियों को सर करने के लिए निकलते हैं. गुरप्रीत ने बताया कि इससे पहले वह लद्दाख की टीम ऊंची चोटियों को सेट कर चुके हैं. स्टॉक कांगरी पीक ओर माउंट कुन पीक और ब्लैक पीक अब हिमाचल के मनाली के स्पिति वैली में 19553 फीट ऊंची माउंट कनामो पीक पर 100 मीटर लंबा तिरंगा झंडा फहराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.
रास्ते में हो गया एक्सीडेंट
गुरप्रीत कहते है उनका जुनून कुछ अलग करने का था, लेकिन यह रस्ता आसान नही था. हम विभिन राज्य से 11 लोग थे जी कनामो पीक के निकले थे. चंडीगढ़ से जब बस में मनाली के लिए निकले हमारी बस का एक्सीडेंट हो गया. ऊपर बारिश और नीचे लैंड स्लाइडिंग हो रही पूरी रात बस डर के साए में निकली. रास्ता बहुत मुश्किल था क्योंकि हमारे साथ कुछ लड़कियां भी थीं. हमारे साथ दूसरे देश के अन्य राज्यों से भी आए हुए लोग थे. हमने आगे जाकर स्पीति वैली से माउंट का नाम ओपी का सफर शुरू किया. लैंडस्लाइडिंग हो रही थी और हमारा मोबाइल नेटवर्क भी चला गया था लेकिन मन में एक हौसला था कुछ अलग करने का एक नया रिकॉर्ड बनाने का. इसलिए हम पहाड़ की चोटी की ओर बढ़ते गए. हमारी सांसें फूल रही थी लेकिन हम एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे थे. हम कुछ कदम अपने मिशन की ओर बढ़ रहे थे और कुछ कदम पीछे आ जाते थे जो सफर कुछ घंटों का था वह लंबा होता चला गया.
फहराया 100 मीटर लंबा तिरंगा
हमारे पास ऑक्सीजन सिलेंडर थे कि अगर जरूरत पड़े तो उसको इस्तेमाल किया जा सके. रास्ता बहुत खराब था. हमने सुबह 3:00 बजे अपने बेस कैंप से यह सफर शुरू किया था. हमारे साथ दो लड़कियां थीं. जब हमें टॉप पर झंडा दिखाई दिया तो हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. लेकिन हमने एक नया रिकॉर्ड बनाया था इसलिए अभी वो पल आना बाकी था क्योंकि इस पर जो पहला रिकॉर्ड बना हुआ था वह 280 फीट झंडा फहराने का था लेकिन हम 100 मीटर का टारगेट लेकर चले थे. हमने 100 मीटर लंबा देश का तिरंगा झंडा वहां पर फहरा दिया जिसका हमने वीडियो भी बनाया और वह हमारा सबसे बड़ा खुशी का पल था. इससे पहले जहां पर 280 सीट का झंडा कराने का रिकॉर्ड कुलदीप सिंह नाम की एक पर्वतारोही के साथ जुड़ा है. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए हमें इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से सर्टिफिकेट भी दिया गया है. लिम्का बुक रिकॉर्ड के लिए हम अप्लाई कर चुके हैं. हमारे ग्रुप में 11 सदस्य शामिल थे जिसकी अगुवाई कोटकपुरा के गुरप्रीत सिंह सिधु कर रहे थे.
(बलवंत सिंह विक्की की रिपोर्ट)