आजकल के युवा पहले के लोगों की तरह अपनी नौकरियों में चुपचाप नहीं रहते हैं, बल्कि नाराजगी जाहिर करते हैं. इतनी ही नहीं जब नौकरी छोड़ते हैं या रेजिग्नेशन देते हैं तो भी सबको बताकर या कभी-कभी सोशल मीडिया पर लिखकर भी ऐसा करते हैं. अब इसी से जुड़ा 'Quit-Tok' ट्रेंड वायरल हो रहा है. जिससे कंपनियां काफी परेशान हैं.
युवा एम्प्लाइज अपने इस्तीफे को भी अब दुनिया को दिखाने से नहीं डरते. ऐसा करने के लिए कई लोग अब टिकटॉक का सहारा ले रहे हैं. इसे ही क्विट टोक ट्रेंड कहा जा रहा है.
ऑफिस में इस्तीफों की एक नई लहर
चुपचाप रेजिग्नेशन देने के दिन चले गए हैं. क्विट टोक ट्रेंड सबसे ज्यादा कोविड-19 महामारी में वायरल हुआ. ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विशेषकर टिकटॉक पर काफी वायरल हो रहा है. इस वायरल ट्रेंड में कर्मचारी अपने एम्प्लोयी को जब इस्तीफा देते हैं तब इसे लाइव-स्ट्रीम करते हैं. और फिर उसपर आने वाले रिएक्शन को और भावनाओं को कैप्चर करते हैं. चाहे वह घबराहट में किसी के रिजाइन के निर्णय के बारे में मैनेजर को सूचित करना हो या गुप्त रूप से एन्ड मीटिंग की रिकॉर्डिंग करना हो.
कैसे शुरू हुआ क्विट टोक ट्रेंड?
'क्विट-टोक' ट्रेंड से पहले 2020 में शुरू हुआ. हालांकि, अब ये काफी पॉपुलर हो रहा है. इसके माध्यम इ देखा जा रहा है कि किस तरह लोगों की भावनाएं अपने काम की जगह को लेकर बदली हैं. इस तरह के रील्स को और वीडियोज को हैशटैग #क्विटोक को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाखों बार देखा गया है. तकनीकी कर्मचारियों से लेकर स्कूली शिक्षकों तक, ब्लू-कॉलर कर्मचारी से लेकर कॉर्पोरेट अधिकारियों तक, 'क्विट-टोक' ट्रेंड सभी फॉलो कर रहे हैं. टिकटॉक उसके लिए व्यक्तियों को अपनी शिकायतों को सुनने और ऑफिस के बारे में भावनाओं को शेयर करने के लिए एक मंच बन गया है.
क्विट-टोक' के पीछे का मनोविज्ञान
इसके पीछे की साइकोलॉजी की बात करें, तो सोशल मीडिया Gen Z के लिए शिकायतों को बताने और अपने ऑफिस के बारे में अपनी फ्रस्ट्रेशन जाहिर करने का अच्छा टूल बन गया है. टिकटॉक पर अपने इस्तीफे शेयर करके, कर्मचारी न केवल अपने साथियों से सपोर्ट ले सकते हैं बल्कि एम्प्लॉयर और अपने बॉस को ये भी बता सकते हैं कि वे नाराज हैं.