हमारे देश में लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर कोई ठोस कानून तो नहीं है लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि संविधान के आर्टिकल 21 के तहत बालिग जोड़ों को लिव-इन में रहने का अधिकार है. लेकिन उत्तर प्रदेश में लिव-इन में रह रहे एक जोड़े को हाई कोर्ट से झटका लगा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे अलग अलग धर्म के एक जोड़े की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने माना है कि अलग अलग धर्मों के लिव-इन रिलेशनशिप में रहने को शादी की तरह नहीं माना जा सकता.
In this Video, live-in-relationship in our country but it is not illegal either. But a live-in couple in Uttar Pradesh has received a setback from the High Court.