आज हैप्पीनेस डे है. मतलब खुशियों को सेलिब्रेट करने का वो दिन. जिसकी जरुरत एक इंसान के तौर पर हम सबको. लेकिन क्या ये इतना आसान है. दरअसल ये हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि जो आंकड़े आए हैं. वो कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं. मसलन तलाक के मामलों में हाल फिलहाल इजाफा हुआ है. शादी का तनाव अब लोगों की जान तक लेने लगा है. आंकड़े बताते हैं कि औरतों के मुकाबले शादी के बाद का तनाव पुरुषों की जान ले रहा है. रिश्तों में उत्पीड़न आज समाज का कड़वा सच है. और अहम बात ये है कि महिलाओं के साथ ही पुरूष भी उत्पीड़न का शिकार हैं. और ये ही वजह है कि आज पुरुषों को उत्पीड़न से बचाने के लिए अलग कानून से लेकर पुरुष आयोग तक की मांग हो रही है. उत्पीड़न चाहे जिसका हो वो परिवार और समाज दोनों के लिए हानिकारक है. लिहाजा आज हम वर्ल्ड हैप्पीनेस डे पर रिश्तों की मिठास को खत्म करने वाले उत्पीडन पर बात करेंगे
Today is Happiness Day. Means that day to celebrate happiness. Which we all need as a human being. But is it that easy. Actually we are saying this because the figures that have come. They are telling some other story. For example, the cases of divorce have increased recently. The stress of marriage is now taking lives of people. Statistics show that post-marriage stress is killing men more than women. Harassment in relationships is the bitter truth of the society today. And the important thing is that along with women, men are also victims of harassment. And this is the reason why today there is a demand for a separate law to a men's commission to protect men from harassment. Harassment, whoever it may be, is harmful for both the family and the society. So today, on World Happiness Day, we will talk about the harassment that destroys the sweetness of relationships.