राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार की गई तीन मूर्तियों में से एक मूर्ति का चुनाव हुआ जिसे अरुण योगीराज ने बनाया था, लेकिन बाकी दो बची मूर्तियों को भले ही गर्भगृह में जगह नहीं मिली, लेकिन उन्हें भी मंदिर में कहीं ना कहीं जगह मिलेगी.
बाकी बची दो मूर्तियों में एक मूर्ति सत्य नारायण पाण्डेय ने और एक गणेश भट्ट ने बनाई थी. यह उन तीन मूर्तियों में शामिल है, जिन्हें गर्भ ग्रह में स्थापित करने के लिए तैयार किया गया था. हालांकि मंदिर के गर्भगृह के लिए इस मूर्ति को नहीं चुना गया. राम मंदिर की देखरेख करने वाले ट्रस्ट ने आश्वासन दिया है कि गणेश भट्ट की मूर्ति को मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा.
मूर्ति के चयन पर गणेश भट्ट कहते हैं, हमें रामलला की तीसरी मूर्ति बनाने का मौका मिला इसके लिए बहुत आभारी हैं. हमें भगवान राम की सेवा करने का मौका मिला इसके लिए सभी का शुक्रिया. मैंने जितना अच्छा दे सकता था दिया है.
बात करें मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई मूर्ति की तो रामलला की इस 51 इंच की मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है. अमूमन भारत में 5 साल के बच्चे की लंबाई 51 इंच के आस-पास होती है. यही वजह है कि गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति का आकार 51 इंच रखा गया है.
राम मंदिर में दर्शन के लिए बुधवार को भी भक्तों की लंबी कतार देखी गई. भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं. पुलिस ने भीड़ को देखते हुए जनता से अपील की है कि बीमार और बुजुर्ग लोग दर्शन के लिए अभी अयोध्या न आएं. मंदिर में पहले दिन 5 लाख लोगों ने दर्शन कर रिकॉर्ड बनाया था.