धर्म

Bangladesh ISKCON Temple: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े 5 फेमस जगहों के बारे में जानिए

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2024,
  • Updated 6:45 PM IST
1/7

Bangladesh ISKCON Temple: भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश इन दिनों खूब चर्चा का विषय बना हुआ है. बांग्लादेश आजादी से पहले भारत का हिस्सा था. यही कारण है कि आज भी बांग्लादेश में कई भारतीय बसते हैं और भगवान को पूजा जाता है. 

2/7

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद अब वहां ISKCON पर बैन लगाने की मांग तेज हो गई है. ISKCON की स्थापना भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने साल 1966 में की थी. भारत में आज इस्कॉन के 400 से ज्यादा मंदिर हैं. लेकिन आज भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश में ISKCON से जुड़ी 5 फेमस जगहों पर नजर डालेंगे.

3/7

1. पुथिया (गंगामाता गोस्वामीनी)  
ये जगह  गंगा माता गोस्वामीनी को समर्पित है. गंगा माता कृष्ण भक्त थीं. इसे बांग्लादेश के सबसे पवित्र स्थानों में से एक कहा जाता है. पुथिया (गंगामाता गोस्वामीनी) की स्थापना 1889 में हुई थी. 

इस मंदिर में श्री राधा, श्री गोविंदा, श्री गोपाल और श्री गौर-निताई की मूर्ति स्थापित हैं. ये मंदिर डोला-मंचा गोविंदा सरोवर तालाब के पास और श्री गोपालजी मंदिर तालाब के सामने स्थित है. 
 

4/7

2. बक्ला चंद्रद्वीप, रूप गोस्वामी और सनातन गोस्वामी
बांग्लादेश की ये जगह इस्कॉन से जुड़ी हुई है. ये जगह रूप गोस्वामी और सनातन गोस्वामी की वजह से जानी जाती है. रूप गोस्वामी और सनातन गोस्वामी अपना गांव नवहट्टा छोड़कर पूर्वी बंगाल के एक गांव बाकला चंद्रद्वीप में बस गए थे. 

वे अपनी भक्ति और त्याग के लिए जाने जाते थे साथ ही वे वृंदावन में कई वैष्णव संतों से जुड़े थे. बंगाल की इस जगह पर रूप गोस्वामी की समाधि आज भी वृंदावन में राधा-दामोदर मंदिर के आंगन में है. 
 

5/7

3. किन्नौरी (जगन्नाथ दासा बाबाजी) 
बंग्लादेश की ये जगह श्री जगन्नाथ दास बाबाजी महाराज को समर्पित है. जगन्नाथ दासा बाबाजी का जन्म 1750 मे बांग्लादेश में हुआ था. बाबाजी श्री कृष्ण के बड़े भक्त थे. जगन्नाथ दासा बाबाजी ने अपना सारा जीवन कृष्ण भक्ति में समर्पित कर दिया था. 

जगन्नाथ दासा बाबाजी महाराज की मृत्यु कैसे हुई? ये एक बड़ा रहस्य है. इस बारे में कोई नहीं जानता. कहा जाता है कि श्री जगन्नाथ दास बाबाजी महाराज फरवरी 1895 की एक सुबह गायब हो गए. इसके बाद उनकी कोई खबर नहीं मिली. उसके बाद ही इस जगह पर ये मंदिर बनाया गया. 

6/7

4. बुधना (हरिदास ठाकुर)
बांग्लादेश के बुधना में हरिदास ठाकुर के नाम पर एक इस्कॉन मंदिर है. हरिदास ठाकुर का जन्म बांग्लादेश में हुआ था. हरिदास ठाकुर एक महान वैष्णव सन्त थे. उन्होंने हरे कृष्ण आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 

अपना घर छोड़ने के बाद हरिदास ठाकुर बेनापोल जंगल में कुछ सालों तक रहे. हरिदास ठाकुर लगातार भगवान कृष्ण का नाम जपते रहते थे. अपना सारा जीवन ठाकुर जी को समर्पित कर दिया.

7/7

5. मेखला (पुण्डरीक विद्यानिधि)
बांग्लादेश की ये जगह श्री पुण्डरीक विद्यानिधि के लिए जानी जाती है. पुण्डरीक विद्यानिधि को वृषभानु के नाम से जाना जाता है. पुण्डरीक विद्यानिधि लगातार कृष्ण की भक्ति में डूबे रहते थे. 

पुण्डरीक विद्यानिधि को आज बांग्लादेश में पूजा जाता है. कहा जाता है कि वे श्री कृष्ण की तरह राधा जी के वियोग में डूबे रहते थे. इनके नाम से मेखला में इस्कॉन टेंपल है. जहां लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.