धर्म

Krishna Janmashtami Special: दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं भारत के ये कृष्ण मंदिर, देश-विदेश से आते हैं लोग

निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 19 अगस्त 2022,
  • Updated 1:57 PM IST
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भगवान कृष्ण को समर्पित बांके बिहारी मंदिर पवित्र शहर वृंदावन में स्थित है और वृंदावन में ठाकुर के 7 मंदिरों में से एक है. वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर भारत में श्री कृष्ण के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह 1863 में गोस्वामी द्वारा बनाया गया था, और मूर्ति को निधिवन से नीचे लाया गया था. जानकारों के अनुसार, यह मूर्ति श्यामा-श्याम द्वारा स्वामी हरिदास को दी गई थी. जन्माष्टमी और होली के मौके पर इस मंदिर की छटा देखते ही बनती है. (Photo: Instagram)
 

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प्रेम मंदिर भारत का सबसे अद्भुत हिंदू मंदिर है. वृंदावन के बाहरी इलाके में स्थित, यह दिव्य मंदिर रसिक संत जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने उपहार में दिया था. वह पवित्र शहर वाराणसी के आध्यात्मिक गुरु थे. मंदिर के प्रत्येक कोने में, आप भगवान कृष्ण के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाते हुए दर्पण चित्रों और आकृतियों को देख सकते हैं. इस मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय जन्माष्टमी उत्सव और राधाष्टमी के दौरान है. (Photo: Instagram)

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बेंगलुरु का इस्कोन मंदिर भारत में सबसे बड़े इस्कॉन मंदिरों में से एक है. यह श्री राधा कृष्ण मंदिर या ​​इस्कॉन मंदिर 1997 में वैदिक संस्कृति और आध्यात्मिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था. वैकुंठ पहाड़ी की चोटी पर स्थित, यह मंदिर पूरी दुनिया में कृष्ण भावनामृत का प्रचार करता है. सोने से मढ़ा ध्वज-स्तंभ (ध्वज पोस्ट) और कलश शिकारा इस मंदिर की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं. (Photo: Instagram)

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मथुरा के उत्तर क्षेत्र में स्थित, श्री द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा के सबसे पुराने और सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. मथुरा में कृष्ण मंदिर मुख्य रूप से द्वारकानाथ नामक काले संगमरमर की मूर्ति और उनके समकक्ष देवता श्री राधारन की सफेद संगमरमर की मूर्ति की विशेषता के लिए जाना जाता है. भगवान कृष्ण (विष्णु) शालिग्राम का एक और छोटा मंदिर भी मंदिर के प्रांगण के भीतर बनाया गया है. इस मंदिर में आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान जाना चाहिए. (Photo: Flickr)

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गुजरात में द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर, ​​जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर ​​त्रिलोक सुंदर श्री कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पौराणिक आधार है. द्वारका का शाब्दिक अर्थ है 'मुक्ति का द्वार'- 'द्वार' का अर्थ है दरवाजा और 'का' का अर्थ है शाश्वत सुख. जगन्नाथ मंदिर की तरह, द्वारकाधीश को भी हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भारत में चार धाम (दिव्य निवासों) में से एक माना जाता है. (Photo: Gujarat Tourism)