प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना को देश के लोगों को समर्पित करेंगे. जिला प्रशासन से लेकर यूपी सरकार इसकी तैयारियों में जुटी हुई है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. पूरे परिसर को अलग-अलग तरह की लाइटों से सजाया जा रहा है. इस दैरान काशी को देव दीपावली की तरह सजाया जाएगा.
परियोजना के वास्तुकार बिमल पटेल ने बताया कि धाम का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है. एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साइट को विकसित करते समय मंदिर की मूल संरचना से छेड़छाड़ नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र को सुंदर बनाने के अलावा, पर्यटक सुविधाओं को बढ़ाया गया है. उन्होंने बताया कि परियोजना में मंदिर चौक, वाराणसी सिटी गैलरी, संग्रहालय, सभागार, हॉल, भक्त सुविधा केंद्र, सार्वजनिक सुविधा, मोक्ष गृह, गोदौलिया गेट, भोगशाला, पुजारियों और सेवादारों के लिए आश्रय, आध्यात्मिक पुस्तक स्थान और अन्य का निर्माण शामिल है.
वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि यह परियोजना 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित की गई है. उन्होंने कहा कि इसने मंदिर परिसर को कम कर दिया है जो पहले तीन तरफ से इमारतों से घिरा हुआ था. परियोजना वाराणसी की दो सबसे प्रसिद्ध चीजों गंगा नदी और काशी विश्वनाथ मंदिर को जोड़ने का काम करेगी. प्रोजेक्ट के बारे में डिटेल पर बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की बदौलत निर्माण का काम अपने रिकार्ड समय में पूरा कर लिया गया, जबकि इस दौरान देश ने कोरोना की दो लहरों का सामना किया.
मंदिर चौक के पास बनाई गई गंगा व्यू गैलरी के एक तरफ गंगा और दूसरी तरफ काशी विश्वनाथ के दर्शन होंगे. बता दें, कि प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2019 में गलियारे की नींव रखी थी. अग्रवाल ने कहा कि परियोजना के लिए जगह बनाने के लिए कई इमारतों को ध्वस्त किया गया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कई बार आकर कार्य का निरिक्षण किया.