धर्म

Navratri 2022: दो साल बाद भुवनेश्वर में दुर्गा पूजा की धूम...अयोध्या के राम मंदिर से लेकर रसिया हेरिटेज की तर्ज पर बना पंडाल, दुल्हन की तरह सजी सड़कें

मोहम्मद सूफ़ियान
  • भुवनेश्वर,
  • 03 अक्टूबर 2022,
  • Updated 3:02 PM IST
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कोरोना महामारी के बाद ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में हर्षोल्लास के साथ दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं. दो साल की लंबी अवधि के बाद नौ देवियों का स्वरूप मां दुर्गा भक्तों को दर्शन देने वाली हैं. ऐसे में भुवनेश्वर में पूजा कमेटियां ने अयोध्या के राम मंदिर, दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से लेकर रसिया के हेरिटेज की तर्ज पर पूजा पंडाल बनाया है. इस वर्ष दुर्गा पूजा को लेकर शहरवासियों में काफी उत्सुकता है. इसके साथ ही बड़ी भीड़ उमड़ने की संभावना है.

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दुर्गा पूजा को लेकर राजधानी में रौनक बिखरी है. शहर में कुल 178 से अधिक स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. जिसमें कई प्रमुख स्थानों पर भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं. इन दिनों भुवनेश्वर की सड़कें जगमगाती लाइट से दुल्हन की तरह सजी हैं जो कि वाकई में मनमोहक है और शहर वासियों के बीच आकर्षण का केंद्र बना है.

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आजतक से बातचीत में भुवनेश्वर के रसुलगढ़ पूजा कमेटी के सदस्य प्रशांत कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से पंडालों में दो वर्षों से मां दुर्गा की पूजा बिना भक्तों के की जा रही थी. इस वर्ष कोरोना का प्रकोप कम होने की वजह से सरकार ने भक्तों को पूजा पंडालों के दर्शन करने एवं पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी है. दो सालों के बाद लोगों में मां दुर्गा के दर्शन की बड़ी उत्सुकता है. इस वर्ष लाखों की संख्या में पूजा पंडालों पर भीड़ उमड़ने की संभावना है.
 

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प्रशांत ने विस्तार से कहा कि इस वर्ष रसुलगढ़ पूजा कमेटी ने दिल्ली के अक्षरधाम की तर्ज पर पंडाल बनाया है जिसकी ऊंचाई 80 फीट और चौड़ाई 120 फिट निर्धारित की गई है. पर्यावरण के मद्देनजर पंडाल को पूरी तरह से इंको-फ्रेंडली बनाया गया है.

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पंडाल को बनाने में बांस की स्टिक एवं आइसक्रीम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया गया है. प्रशांत ने कहा दुर्गा पूजा के दौरान भीड़ को ध्यान में रखकर पंडाल के पास मेडिकल कैंप लगाया गया है.

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वहीं, शहीद नगर पूजा कमेटी के सचिव सचिदानंद नायक ने बताया कि शहीद नगर में अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पंडाल तैयार किया गया है. पंडाल की ऊंचाई 87 फीट और चौड़ाई 120 निर्धारित की गई है. साथ ही मां दुर्गा की सजावट के लिए दो क्विंटल से अधिक चांदी का इस्तेमाल किया जाएगा. नायक ने कहा कि पंडाल की सजावट के लिए बंगाल से खूबसूरत जगमगाती लाइट्स लाई गई हैं. साथ ही साथ अष्टमी एवं नवमी को पंडाल के समीप करीब 1500 घरों में प्रसाद वितरण का कार्यक्रम रखा गया है.
 

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दूसरी ओर झारपड़ा दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्य महाराणा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध रसिया हेरिटेज म्यूजियम की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया गया है. इस पंडाल को बंगाल के लोकप्रिय कलाकारों ने तैयार किया है. साथ ही पंडाल की ऊंचाई 85 फीट एवं चौड़ाई 150 फीट की है. 

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झारपाड़ा पूजा कमेटी में मां दुर्गा की मूर्ति को सोना के अभूषणों से सजाया जाएगा. महाराणा ने कहा कि भक्तों को माता के दर्शन आसानी से हो जाएं  इसके लिए व्यापक व्यवस्था की गई है. साथ ही साथ वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग लोगों के लिए विशेष रूप से इंतजाम किया गया है.

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दुर्गा पूजा के पहले भुवनेश्वर की सड़कें जगमगाती लाईट्स से दुल्हन की तरह सजी हैं. शहर में पंडालों की तैयारियां अंतिम छोर पर हैं। इस वर्ष सभी शिल्पकार एवं पंडाल निर्माता कलाकार श्रद्धा भाव से दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटे हैं.

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मां की ये अद्भुत प्रतिमा देखकर किसी का भी दिल मोह जाए. नवरात्रि के बाद दशहरा का त्योहार आता है. 9 दिन दुर्गा पंडालों में मां की मूर्ति रखने के बाद दशमी के दिन उनका विसर्जन किया जाता है.