पार्श्व एकादशी- 6 सितंबर: वामन एकादशी और परिवर्तिनी एकादशी जैसे नामों से जानी जाने वाली इस एकादशी के दिन श्रीहरि के अवतार वामन की पूजा होती है. वामन, भगवान विष्णु जी के दस अवतारों में से एक माने जाते हैं और इनकी पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामना पूरी हो जाती है. भगवान मे वामन रूप में ही राजा बलि का उद्धार किया था. (Photo: PixaHive)
गणेश विसर्जन- 9 सितंबर: गणेश चतुर्थी उत्सव का समापन 10 दिन बाद होता है, जिसे गणेश विसर्जन कहते हैं. इस दिन को अनंत चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है. गणपति विसर्जन का पवित्र दिन बहुत खुशी और धूमधाम से मनाते हैं. साथ ही, गणेशजी को अगले साल लौटने के वादे के साथ वापस अपने स्थान पर जाने के लिए विदाई देते हैं. (Photo: Unsplash)
विश्वकर्मा पूजा- 17 सितंबर: विश्वकर्मा एक हिंदू देवता हैं और उन्हें देवताओं का दिव्य वास्तुकार माना जाता है. उन्हें स्वयंभू और दुनिया का निर्माता माना जाता है. मान्यता है कि उन्होंने द्वारका के पवित्र शहर का निर्माण किया जहां श्रीकृष्ण ने शासन किया, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का महल, और देवताओं के लिए कई शानदार शस्त्रों को उन्होंने ही बनाया था.
इंदिरा एकादशी- 21 सितंबर: पितृ पक्ष में आने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. इस पावन दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। (Photo: YouTube)
नवरात्रि प्रारंभ- 26 सितंबर: सितंबर महीने के अंत में शारदीय नवरात्रि शुरू होंगे. इनका इंतजार मां दुर्गा का भक्त बेसब्री से करते हैं. 5 अक्टूबर को नवरात्रों का समापन किया जाएगा. (Photo: Unsplash)