Sankashti Chaturthi 2024: 28 या 29 फरवरी, कब है फाल्गुन मास की संकष्टी चतुर्थी? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और भगवान गणेश की पूजन विधि

Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024 Date: भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी को बेहद शुभ माना जाता है. गणपति बप्पा की इस दिन आराधना करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.

Sankashti Chaturthi 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST
  • शुभ कार्य को शुरू करने से पहले की जाती है बप्पा की पूजा 
  • भगवान गणेश की आराधना करने से टल जाते हैं सभी संकट 

हिंदू धर्म में फाल्गुन मास की संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है.पंचांग के मुताबिक फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश की आराधना करने की परंपरा है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी संकट टल जाते हैं. संकट काटने की तिथि होने की वजह से इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन चंद्र देव की उपासना करने का भी विधान है. इस दिन मां पार्वती की भी पूजा-अर्चना की जाती है.

इस दिन मनाई जाएगी संकष्टी चतुर्थी 
पंचाग के अनुसार इस साल फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 28 फरवरी को प्रातः 1:53 बजे से हो रही है. इसका समापन अगले दिन यानी 29 फरवरी को सुबह 4:18 बजे होगा. उदयातिथि के अनुसार 28 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. इस दिन बुधवार है. इस दिन बप्पा के छठे स्वरूप द्विजप्रिय गणेश की पूजा होती है. कहा जाता है कि इस दिन गणपति किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते हैं.

शुभ मुहूर्त
1.
गणपति पूजा: 28 फरवरी को प्रातः 06:48 बजे से सुबह 09:41 बजे तक.
2. शाम की पूजा: 28 फरवरी को शाम 04:53 बजे से शाम 06:20 बजे तक.
3. चंद्रोदय समय: 28 फरवरी को रात 09:42 बजे से 

पूजन विधि
1. संकष्टी चतुर्थी के दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.
2. इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. 
3. भगवान गणेश को तिलक लगाएं, दुर्वा, जल, चावल, जनेऊ अर्पित करें. 
4. फिर गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. इस दिन तिल से बनी हुई चीजों का भोग जरूर लगाएं. 
5. इसके बाद धूप और दीया जलाकर भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें.
6. इस दिन सकट चौथ की कथा का जाप भी करना चाहिए. 
7. इस दिन गणेशजी के 12 नामों का उच्चारण भी करना चाहिए. 
8. शाम के समय भी इसी तरह भगवान गणेश की पूजा करें. 
9. भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें. 
10. पूजा के अंत में भगवान गणेश सहित सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें.
11. पूजा समाप्त होने के बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें.

क्या है धार्मिक महत्व 
भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी को बेहद शुभ माना जाता है. गणपति बप्पा की इस दिन आराधना करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर से मां पार्वती एक बार नाराज हो गई थीं. तब भोलेनाथ ने माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया था. यह व्रत मां पार्वती और भगवान गणेश को भी प्रिय है.इसलिए इसे द्विजप्रिया चतुर्थी भी कहा जाता है. 


 

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