Kumbh Mela 2025: 2 दिनों में 5.15 करोड़ लोगों ने संगम में लगाई डुबकी! महाकुंभ में मौजूद भीड़ की कैसे गिनती कर रही है सरकार?

दरअसल भीड़ को मापने के कई पैमाने हैं, लेकिन योगी सरकार भीड़ की गिनती के लिए जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है वो एआई पर आधारित है.

Mahakumbh 2025
कुमार अभिषेक
  • प्रयागराज,
  • 15 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST
  • क्या है भीड़ को मापने का जरिया
  • 5.15 करोड़ लोगों ने संगम में लगाई डुबकी

प्रयागराज महाकुंभ का आज तीसरा दिन है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने 'जय गंगा मैया' के जयकारे के साथ डुबकी लगाई. महाकुंभ के पहले अमृत (शाही) स्नान में मंगलवार को 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. सोमवार को पहले स्नान पौष पूर्णिमा पर 1.65 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी. अब आपके दिमाग में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर सरकार ये आंकड़े कैसे दे रही है.

क्या है भीड़ को मापने का जरिया
दरअसल भीड़ को मापने के कई पैमाने हैं, लेकिन योगी सरकार भीड़ की गिनती के लिए जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है वो एआई पर आधारित है. एआई पर आधारित सीसीटीवी कैमरे भीड़ में मौजूद लोगों की संख्या का अनुमान लगा रहे हैं. पूरे कुंभ मेला क्षेत्र में तकरीबन 1800 कैमरे लगाए गए हैं जिसमें से 1100 परमानेंट कैमरे हैं जबकि 700 से ज्यादा टेंपरेरी कैमरे और इसमें से ज्यादातर कैमरे एआई बेस्ड हैं.

क्राउड कैलकुलेशन किया जा रहा
48 घाटों पर हर घंटे डुबकी लेने वाले लोगों का क्राउड असेसमेंट एक खास टीम कर रही है. महाकुंभ शुरू होने के पहले कई बार क्राउड कैलकुलेशन रिहर्सल किया गया था. महाकुंभ के 48 घाटों पर क्राउड कैपेसिटी एसेसमेंट रियल टाइम बेसिस पर किया जा रहा है.

ड्रोन के जरिए रखी जा रही नजर
एक एक्सपर्ट की टीम सभी 48 घाटों पर हर घंटे क्राउड का असेसमेंट करती है. इसके अलावा ड्रोन के जरिए भी निश्चित दायरे में भीड़ के घनत्व को मापा जा रहा है और फिर उसे इस क्राउड असेसमेंट टीम को भेजा जाता है. इसके अलावा एक डेडीकेटेड ऐप है जो मेले में मौजूद लोगों की हाथों में मोबाइल की औसत संख्या तक ट्रैक कर रहा है. 

भीड़ के घनत्व के आधार पर हो रही गिनती
मेला प्रशासन के मुताबिक एक ऐसी डेडीकेटेड टीम है जो भीड़ के घनत्व और उसकी निगरानी के लिए कमांड सेंटर से जुड़ी है और भीड़ की ताजा स्थिति रियल टाइम पर कंट्रोल और कमांड सेंटर को भेजती है, भीड़ के पैमाने को मापने का यह भी एक बड़ा जरिया है. इसके अलावा पुराने तरीके से लोकल इंटेलीजेंस यूनिट भी अपने तरफ से भीड़ का अंदाजा सरकार तक पहुंच रही है जो परंपरागत तरीका भीड़ को मापने का रहा है वह भी इस्तेमाल हो रहा है.

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