Abu Dhabi Hindu Temple: मुस्लिम देश UAE में बनकर तैयार हुआ Ayodhya जैसा भव्य मंदिर, PM Modi करेंगे उद्घाटन, जानें इसकी खासियत

BAPS Hindu Mandir Abu Dhabi: अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब पीएम मोदी अबू धाबी में बने भव्य मंदिर का उद्घाटन करेंगे. भारत और यूएई को बीच सद्भाव के प्रतीक के तौर पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है.

Hindu Temple Abu Dhabi
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST
  • अबू धाबी हिंदू मंदिर एशिया का है सबसे बड़ा मंदिर
  • 18 फरवरी 2024 से आम लोग कर सकेंगे दर्शन 

पहली बार मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में अयोध्या जैसा भव्य हिंदू मंदिर बनकर तैयार है. इस मंदिर की  भव्यता देखते ही बन रही है. 700 करोड़ रुपए की लागत से बने इस मंदिर का उद्घाटन इसी महीने 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. आम लोगों के लिए इस मंदिर को 18 फरवरी 2024 से खोला जाएगा. आइए इस मंदिर की खासियत जानते हैं. 

27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है मंदिर
संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बने इस हिंदू मंदिर का नाम बीएपीएस हिंदू मंदिर है, जिसे बीएपीएस संस्था के नेतृत्व में बनाया गया है. बीएपीएस एक ऐसी संस्था है, जिसने दुनियाभर में 1,100 से ज्यादा हिंदू मंदिरों का निर्माण किया है. दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भी इसी संस्था ने किया है. यह मंदिर 27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है, जिसे संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दान में दी थी. 

भारत के कारीगरों ने बनाया है इस मंदिर को  
इस मंदिर को भारत के कारीगरों ने बनाया है. भारत और यूएई को बीच सद्भाव के प्रतीक के तौर पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है. साल 2015 में पीएम मोदी यूएई की अपनी यात्रा पर गए थे, तब इस मंदिर को लेकर चर्चा हुई थी. 14 फरवरी 2024 को होने वाले प्रोग्राम सिर्फ वही देख सकेंगे, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया होगा.

राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का किया गया है इस्तेमाल
यह मंदिर पश्चिम एशिया के पत्थरों से बना सबसे बड़ा मंदिर होगा. इस मंदिर को बेहद सावधानीपूर्ण तरीके से डिजाइन किया गया है. इसमें देश के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें हैं. इस मंदिर को बनाने में उत्तरी राजस्थान से अबू धाबी तक गुलाबी बलुआ पत्थर पहुंचाया गया. यूएई की भीषण गर्मी से इन पत्थरों को कुछ नहीं होगा.

18 लाख ईंटों का इस्तेमाल
इटली से मंदिर के लिए संगमरमर लाया गया है. कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए मंदिर की नींव में कंक्रीट के मिश्रण के साथ फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया गया है. अबू धाबी हिंदू मंदिर एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है, जिसकी ऊंचाई 108 फीट है. लंबाई 79.86 मीटर और चौड़ाई 54.86 मीटर है. इस मंदिर को पूरी तरह बनाने में 18 लाख ईंट का इस्तेमाल किया गया है.

मंदिर के बाहरी हिस्सों में लगाई गई हैं इतनी घंटियां
इस मंदिर में आकर्षक वॉटरफॉल का भी निर्माण किया गया है, जो कि पवित्र भारतीय नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के सोर्स को रिप्रेजेंट करता है. मंदिर के बाहरी हिस्से में 96 घंटियां लगाई गई हैं. मंदिर के अंदर पत्थर की नक्काशी भारतीय महाकाव्यों रामायण और महाभारत और हिंदू धर्मग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अन्य आख्यानों के महत्वपूर्ण क्षणों का वर्णन करती हैं. 

मंदिर की कलाकृतियां शानदार
मंदिर के अंदर की कलाकृतियां देखने लायक हैं. मंदिर में दो शानदार गुंबदों को भी बनाया गया है, जिसको सद्भाव का गुंबद और शांति का गुंबद कहा गया है. इस मंदिर में स्वामीनारायण, राम, सीता, कृष्ण और अय्यप्पन सहित भारत के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले हिंदू देवी-देवताओं को स्थापित किया जाएगा. इसमें सात शिखरों को बनाया गया है, जिसके नीचे देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. धार्मिक कार्यों से परे मंदिर परिसर में कक्षाएं, प्रदर्शनी केंद्र और बच्चों के लिए खेल के मैदान होंगे, जो एक बहुआयामी सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण करेंगे. 


 

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