महाकुंभ के मौनी अमावस्या के शाही स्नान का सीधा असर धर्म की नगरी काशी में देखने को मिला है. काशी के सभी 84 घाटों से लेकर मंदिरों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा हुआ है. ऐसे में काशी आने वाले भक्तों के सुगम दर्शन और सुरक्षा को लेकर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस ने कमर कस ली है.
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस के बड़े अधिकारी सड़कों पर उतर आए और बनारस के घाट और मंदिर जाने वाले रास्तों पर भीड़ नियंत्रण के लिए सड़को को अलग-अलग हिस्सों में बांट कर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाया. वहीं काशी की व्यवस्था को देख हर कोई पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ कर रहा है.
गंगा घाट पर स्नान के प्रबंध
वाराणसी जिले में भीषण भीड़ देखने को मिली. यह भीड़ शहर के नन्दी चौक के दशाश्वमेध घाट और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले मार्ग पर देखी गई. प्रयागराज में हुई भगदड़ की घटना के बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के एडीसीपी सरवण टी ने नन्दी चौक पर मोर्चा संभाला. ऐसे में गंगा घाट पर स्नान के लिए जाने वाले भक्तों की इंट्री अलग रास्ते कराई जा रही है तो दशाश्वमेध घाट मार्ग के वापसी का मार्ग बनाया गया है, एडीसीपी काशी ज़ोन सरवण ने बताया कि बैरिकेडिंग के माध्यम के अलग अलग टुकड़ो में स्नान करने वालो को घाट की ओर भेजा जा रहा है.
पुलिस की तैयारी
वहीं गौदोलिया और दशाश्वमेध घाट का पुलिस कमिश्नर और वाराणसी जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया. मौनी अमावस्या को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. पुलिस कमिश्नर के साथ अन्य आलाधिकारी भी मौजूद रहे. पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि पुलिस के 5000 से अधिक जवानो को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन काशी में 25 से 30 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं. भीड़ को देखते हुए 5 फरवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए है. मौनी अमावस्या के अगले दिन काशी में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.
-रौशन जायसवाल की रिपोर्ट