रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब राजा राम के राज्याभिषेक के लिए तैयार अयोध्या: रिपोर्ट

राम मंदिर का निर्माण 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था. इस निर्माण की देखरेख के लिए एक समिति गठित की गई थी.

रामलला.
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 08 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

रामलला के “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह के बाद, अब अयोध्या के भव्य राम मंदिर में एक और बड़ा समारोह होने जा रहा है. बताया जा रहा है कि अगले महीने आयोजित होने वाले इस समारोह में भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जाएगा. इस समारोह के बाद मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार या शाही दरबार की स्थापना की जाएगी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक समारोह की तैयारियां चल रही हैं. 

बताया जा रहा है कि यह समारोह प्राण-प्रतिष्ठा समारोह जितना भव्य न हो लेकिन इसका अपना एक महत्व है. यह कार्यक्रम मंदिर निर्माण का एक प्रकार का समापन भी होगा. मंदिर का निर्माण 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था. इस निर्माण की देखरेख के लिए एक समिति गठित की गई थी. मंदिर निर्माण समिति का नेतृत्व वर्तमान में प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा कर रहे हैं. 

15 अप्रैल तक पुरा हो जाएगा 
मिश्रा ने हाल ही में कहा कि मंदिर परिसर का निर्माण इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा, जबकि "परकोटा" या परिसर की दीवार पर शेष काम इस साल के अंत से पहले पूरा हो जाएगा. मिश्रा ने मीडिया से कहा, "मंदिर में अभी करीब 20,000 क्यूबिक फीट पत्थर लगाया जाना बाकी है. मंदिर का निर्माण 15 अप्रैल के आसपास पूरा हो जाएगा." 

संत तुलसीदास की मूर्ति भी लगेगी 
मंदिरों में सभी मूर्तियां 30 अप्रैल तक यहां आ जाएंगी, और उनमें से लगभग सभी 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच स्थापित हो जाएंगी. आपको बता दें कि राम दरबार को जयपुर में मूर्तिकार प्रशांत पांडे के नेतृत्व में 20 कारीगरों की एक टीम बना रही है. इसे सफेद मकराना संगमरमर से गढ़ा जा रहा है. रामायण के सबसे लोकप्रिय संस्करण, रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास की एक विशाल मूर्ति भी परिसर में स्थापित की जा रही है. 

नागर शैली में हुआ मंदिर का निर्माण
प्रकृति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए करीब 20 एकड़ भूमि का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है. इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं. 

जब पिछले साल प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था, तब गर्भगृह वाला भूतल पूरा हो चुका था, जबकि परिसर में अन्य मंजिलों, मुख्य सर्पिल और अन्य तत्वों का काम पूरा होना बाकी था. जानकारों के अनुसार, अब काम 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है और पूरा परिसर - जिसमें परकोटा भी शामिल है - इस साल पूरा हो जाएगा. 

 

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