Suryakund Ayodhya: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए उनके जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों को भी किया जा रहा संरक्षित, चमक उठा सूर्य कुंड

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उनसे जुड़ी चीजों को भी संग्रहित करने और उन्हें चमकाने का कार्य किया जा रहा है. यूपी सरकार ने सूर्य कुंड का जीर्णोद्धार कराया, तो यह भी सूर्य की तरह चमकने लगा.

SuryaKund Ayodhya
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 26 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

भगवान राम की नगरी अयोध्या में एक तरफ भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है, तो दूसरी तरफ भगवान राम के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों को भी संरक्षित किया जा रहा है. भगवान राम के कुल देवता भगवान भास्कर का पौराणिक सूर्य मंदिर और कुंड इन दिनों पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यूपी सरकार ने सूर्य कुंड का जीर्णोद्धार कराया, तो यह भी सूर्य की तरह चमकने लगा.

एक महीने नहीं हुई थी रात
रामचरितमानस के मुताबिक, सूर्य कुंड वह जगह है जब भगवान राम अयोध्या में जन्मे थे, तो भगवान सूर्य इसी जगह पर आए थे. इसी जगह से भगवान सूर्य ने भगवान राम की बाल लीलाओं के दर्शन किए थे. सूर्यदेव का रथ यहां करीब एक महीने रहा था जिसकी वजह से अयोध्या में त्रेतायुग में उस वक्त एक महीने रात नहीं हुई थी, इसका वर्णन रामचरितमानस की चौपाइयों में है. इतना ही नहीं धार्मिक मान्यता यह भी है कि अगर किसी को कुष्ठ रोग है और वह इस कुंड में स्नान करता है, तो उसके सारे रोग समाप्त हो जाते हैं.

क्या है मान्यता?
जब दूरदराज से पर्यटक भगवान राम की नगरी अयोध्या मठ मंदिरों का दर्शन करते हैं, तो उसके बाद वह सूर्य कुंड जाते हैं.  धार्मिक मान्यता यह भी है कि इसी कुंड से भगवान सूर्य की प्रतिमा निकली थी. जबकि दूर-दराज से श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन करने के बाद भगवान सूर्य के भी दर्शन करते हैं.

 

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