बिहार में भागलपुर के सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाएगा. इसका नाम हिंदू तीर्थस्थल अजगैबीनाथ धाम के नाम पर रखा किया जाएगा. इसकी घोषणा बिहार की डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने की. उन्होंने कहा कि नाम बदलने के लिए इसे जल्द ही संबंधित प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा. हिंदू श्रद्धालुओं में अजगैबीनाथ धाम की काफी मान्यता है. यह मंदिर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है. चलिए इसके महत्व और देवघर से इसका कनेक्शन बताते हैं.
भागलपुर का अजगैबीनाथ मंदिर-
यह मंदिर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है. मंदिर के प्रांगण में पत्थरों पर बेहतरीन नक्काशी और शिलालेख हैं. यह मंदिर गंगा के किनारे है. यह मंदिर भागलपुर मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर पश्चिम सुल्तानगंज में है. यह मंदिर ग्रेनाइट पत्थर पर बना हुआ है. मंदिर के शिखर पर ध्वज लगा है. जिसे रानी कलावती ने 1885 में दान के तौर पर दिया था. इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव का त्रिशूल इस जगह पर स्थापित है. इस मंदिर में शिवलिंग और त्रिशूल के दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी होती है.
क्या है देवघर से कनेक्शन-
अजगैबीनाथ मंदिर का देवघर के बाबा धाम से खास कनेक्शन है. ऐसा माना जाता है कि मंदिर के गर्भगृह से एक रास्ता सीधे देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम जाता है. अजगैबीनाथ से बाबा धाम की दूरी 105 किलोमीटर है. श्रद्धालु पहले अजगैबीनाथ मंदिर में जल चढ़ाते हैं. उसके बाद भक्त देवघर के बाबा धाम में जल चढ़ाते हैं.
अजगैबीनाथ मंदिर के पुजारी क्यों नहीं जाते देवघर-
भक्त अजगैबीनाथ धाम में जल चढ़ाने के बाद देवघर जाते हैं. लेकिन अजगैबीनाथ मंदिर का कोई भी पुजारी देवघर के बैद्यनाथ धाम में जल चढ़ाने नहीं जाता है. इसके पीछे एक अनोखी कहानी प्रचलित है.
कहा जाता है कि करीब 500 साल पहले इस मंदिर के मंहत सिद्धनाथ भारती और उनके शिष्य केदारनाथ भारती सुल्तानगंज से जल लेकर रोज बाबा वैद्यनाथ जाते थे और भगवान शिव को जल चढ़ाते थे. लेकिन एक बार भगवान शिव ने महंत की परीक्षा ली और वो साधु भेस बदलकर महंत से पानी पिलाने का आग्रह करने लगे. महंत ने उनको कहीं ओर से पानी पीने को कहा. लेकिन साधु ने इससे इनकार कर दिया.
इसके बाद भगवान शिव ने अपने रूप में आकर दर्शन दिए और कहा कि उनको हर रोज देवघर आने की कोई जरूरत नहीं है. वो अजगैबीनाथ मंदिर में ही रहते हैं. सिर्फ श्रृंगार के समय देवघर जाते हैं. भगवान ने कहा कि अजगैबीनाथ मंदिर में उनके भी दो पिंड रहेंगे और जो भक्त उसपर जल चढ़ाएगा, उसे भगवान शिव का आशीर्वाद मिलेगा.
(ये स्टोरी यामिनी सिंह ने लिखी है. यामिनी GNTTV.COM में बतौर इंटर्न काम करती हैं.)
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