कब है अक्षय तृतीया...मांगलिक कार्यों के लिए क्यों खास माना जाता है ये दिन? जानिए शुभ मुहूर्त से लेकर सबकुछ

अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ दिन माना जाता है. ये दिन खासतौर पर मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शुभ माना जाता है. ये पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है.

Akshaya Tritiya 2022, date and significance
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST
  • मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शुभ माना जाता है ये दिन
  • इस बार 3 मई 2022 को पड़ रही है अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ दिन माना जाता है. ये दिन खासतौर पर मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शुभ माना जाता है. ये पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है. इस बार अक्षय तृतीया 3 मई 2022 को पड़ रही है. कहा जाता है ये दिन इताना शुभ होता है कि इस दिन बिना पंडित से सुझाए ही विवाह किया जा सकता है.

क्या है शुभ मुहूर्त?
पंचाग के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया 3 मई 2022, मंगलवार को सुबह 05:19 बजे से शुरू होकर, 04 मई की सुबह 07:33 बजे पर समाप्त होगी. इस दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह 12:34 बजे से 04 मई सुबह 03:18 बजे तक होगा.

क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया?

यूं तो अक्षय तृतीया से जुड़ी कई तरह की मान्यताएं हैं लेकिन इनमें से कुछ जो वाकई मानी जाती हैं आज हम आपको वो बताएंगे.

ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. इस दिन अक्षय तृतीया के साथ परशुराम जंयती भी मनाई जाती है. 
कहा जाता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से विदा होकर धरती पर आई थीं. मां गंगा को धरती पर उतारने के लिए भागीरथ ने कठोर तपस्या की थी. भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं. 
- इस दिन को मां अन्नपूर्णा के जन्मदिन के तौर पर भी मनाते हैं. मां अन्नपूर्णा की कृपा पाने के लिए इस दिन गरीबों को खाना खिलाना चाहिए और रसोई घर और अनाज की पूजा करनी चाहिए. 
अक्षय तृतीया के दिन भगवान शंकर ने मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए कुबेर जी को कहा था. इसलिए आज के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. 
माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन नर-नारायण ने भी अवतार लिया था. 
अक्षय तृतीया के दिन महर्षि वेद व्यास जी ने महाभारत लिखना शुरू किया था. इसे पांचवा वेद माना जाता है. अक्षय तृतीया वाले दिन श्रीमद्भागवत गीता के 18वें अध्याय को पढ़ना चाहिए.
- इस दिन को हलखता के नाम से भी जाना जाता है. बंगाल में व्यापारी भगवान गणेश और माता लक्ष्मीजी की पूजा करके अपना खाता शुरू करते हैं. 

क्या है इस दिन का महत्व?
इस दिन को खास तौर पर शुभ कार्यां के लिए अच्छा माना जाता है. इस दिन खासतौर पर आभूषण, प्रापर्टी, वाहन की खरीदारी की जाती है. इसके अलावा कुछ लोग इस दिन अपने लिए वस्त्र भी खरीदतें हैं. इस दिन जरूरतमंदों को दान करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. 
 

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