Amalaki Ekadashi 2023: 2 या 3 मार्च? कब है आमलकी एकादशी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और उपाय

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवला और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से मोक्ष मिलता है.

Amalaki Ekadashi 2023
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST
  • आंवले के पेड़ को देव वृक्ष कहा जाता है.
  • एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है.

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस बार 3 मार्च को एकादशी है. पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी तिथि की शुरुआत 2 मार्च 2023 सुबह 6 बजकर 39 मिनट से होगी. शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से शुरू होने वाली एकादशी तिथि का प्रभाव पूरे दिन भर रहता है. मान्यता है कि आंवला एकादशी के दिन जो लोग पूरे विधि विधान से व्रत रखते हैं उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. 

आंवला एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023 Tithi)

एकादशी तिथि आरंभ- सुबह 6:39 बजे, 2 मार्च 2023
एकादशी तिथि खत्म- सुबह 9:11 बजे तक,  03 मार्च 2023
एकादशी पारण- 4 मार्च 06:44 AM से 09:03 AM तक

भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व

मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवला और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से मोक्ष मिलता है. आंवले के पेड़ को देव वृक्ष कहा जाता है क्योंकि उसमें देवताओं का वास होता है. इसलिए इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सेहत के लिए भी आंवता बेहद अहम माना जाता है. आंवला एकादशी के दिन व्रतियों को सुबह उठकर नहा धोकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है.

क्या करें
आमलकी एकादशी के दिन व्यक्ति को श्रीहरि को आंवले का भोग लगाना चाहिए. 

इस दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए.

आमलकी एकादशी के दिन व्यक्ति को आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा अर्चना करनी चाहिए.

इस दिन भगवान विष्णु को 21 पीले फूलों की माना बनाकर अर्पित करें.

इस दिन आंवले के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए.

 

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