भारत के कई हिस्सों में अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पूजा के बाद अनंत का धागा भी बाधा जाता है. अनंत चतुर्दशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी को मनाया जाता है. इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही भगवान गणेश का विसर्जन भी किया जाता है. जिसके चलते अनंत चतुर्दशी का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस दिन गणेशोत्सव का समापन होता है. जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस बार अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर को पड़ रहा है.
अनंत चतुर्दशी के पूजा का शुभ मुहूर्त: अनंत चतुर्दशी इस बार 9 सितंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस दिन सुबह 6 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजकर 7 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. अगर चतुर्दशी तिथि की बात करें तो वह 8 सितंबर की सुबह 9 बजकर 2 मिनट से 9 सितंबर की शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहने वाला है.
अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि: अनंत चतुर्दशी के दिन प्रात: काल स्नान करके पूजा स्थल पर कलश की स्थापना करें. इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर लगाएं. इसके बाद एक धागे को हल्दी, कुमकुम और केसर से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं. इसमें 14 गांठें लगाएं. इस सूत्र को भगवान विष्णु के समाने रख दें. अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें. इस दौरान अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते मंत्र का जाप करें. अनंत सूत्र की पूजा करने के बाद इसे अपने कलाई पर बांध लें. ऐसी मान्यता है कि इस सूत्र को धारण करने से हमारे सभी संकटों का नाश हो जाता है.
अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त: अनंत चतुर्दशी के दिन ही भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है. इस दिन गणपति बप्पा की विदाई की जाती है. इस दिन बप्पा का विसर्जन करना शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बप्पा का विसर्जन करने से पुण्य फल मिलता है. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन करने के लिए तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. पहला सुबह 06.03 बजे से 10.44 बजे तक, दूसरा दोपहर 12.18 बजे से 01.52 बजे तक और तीसरा शाम 05 बजे से शाम 6.31 बजे तक रहेगा.