Vinayaka Chaturthi 2022: विनायक चतुर्थी को ऐसे करें पूजा, भगवान गणेश हर मनोकामना करेंगे पूरी 

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. पंचाग के अनुसार चतुर्थी तिथि 26 नवंबर को रात 7.28 बजे से शुरू होकर 27 नवंबर को शाम 4.25 बजे तक रहेगी. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 27 नवंबर को सुबह 11 बजकर 11 मिनट से दोपहर 1 बजे तक रहेगा.

भगवान गणेश की करें पूजा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST
  • शुभ मुहूर्त 27 नवंबर को सुबह 11:11 से दोपहर एक बजे तक
  • भगवान गणेश को वैभव, ज्ञान, सुख-समृद्धि का कहा जाता है दाता 

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. पंचाग के अनुसार चतुर्थी तिथि 26 नवंबर को रात 7.28 बजे से शुरू होकर 27 नवंबर को शाम 4.25 बजे तक रहेगी. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 27 नवंबर को सुबह 11 बजकर 11 मिनट से दोपहर 1 बजे तक रहेगा. भगवान गणेश को वैभव, ज्ञान, सुख-समृद्धि का दाता कहा जाता है.इस दिन उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है.साथ ही आर्थिक बढ़ोतरी भी होती है.

ऐसे करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें और गंगा जल से शुद्ध करें.भगवान गणेश की फूल, दीप और गंगा जल से पूजा करें. गणेश पाठ और गणेश आरती करें. पूजा के बाद व्रत का संकल्प लें.

विनायक चतुर्थी पर बने दो शुभ योग
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी के दिन दो बेहद शुभ योग बन रहे हैं. 27 नवंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं. 27 नवंबर 2022 की सुबह 06 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रव‍ि योग रहेगा. 27 नवंबर की दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से 28 नंवबर की सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है. इन दोनों योग को शुभ कार्य करने और पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ माना गया है. 
 
विनायक चतुर्थी पर ना करें ये कार्य 
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी मूर्ति अकेले ना छोड़ें.उनके साथ किसी अन्य देवी-देवता या गणेश जी के परिवार की प्रतिमा स्थापित जरूर करें.पूजा में तुलसी के पत्रों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबन्ध है.ऐसा इसलिए क्योंकि माता तुलसी को भगवान श्री गणेश ने श्राप दिया था.इसलिए उनकी पूजा में तुलसी के पत्र का प्रयोग नहीं किया जाता है.ऐसा करने पर व्यक्ति श्री गणेश के क्रोध का सामना कर सकता है.इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन निश्चित रूप से करें. उपवास रखने वाले भक्त भोजन में नमक का इस्तेमाल ना करें. सात्विक फलाहार करें और हो सके तो परिवार के अन्य सदस्य भी बिना प्याज-लहसुन से बना भोजन ग्रहण करें.इस दिन काले रंग का वस्त्र धारण नहीं करें. भगवान गणेश की पूजा करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि उनकी पीठ का दर्शन बिलकुल न हो.ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है और घर में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं.

 

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