Ayodhya Ram Mandir: रामलला के आभूषण में सोने संग हीरे-पन्ने और माणिक्य का हुआ है इस्तेमाल, लखनऊ के इस जौहरी ने 12 दिन में बनाए हैं गहने

Ram Lalla Jewellery: रामलला के आभूषण बनाने में 15 किलो सोना, 18,500 हीरे, 3500 माणिक्य, 650 पन्ना और अनगिनत मोतियों का इस्तेमाल किया गया है. तिलक, मुकुट, 4 हार, कमरबंद, दो जोड़ी पायल, विजय माला, दो अंगूठी समेत कुल 14 आभूषण भगवान राम धारण किए हुए हैं.

Ram Lalla
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 23 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST
  • भगवान के आभूषण में लगे रत्न हैं IGI सर्टिफाइड
  • प्रभु के मुकुट के दोनों ओर बनाए गए हैं पंख 

लाखों राम भक्तों का इंतजार खत्म हो गया है. अयोध्या स्थित राम मंदिर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. आम लोगों के दर्शन के लिए 23 जनवरी 2024 से कपाट खोल दिए गए हैं. रामलला को कई दिव्य आभूषणों से सुशोभित किया गया है. क्या आप जानते हैं इन गहनों को किसने बनाया है, यदि नहीं तो आइए हम बताते हैं? 

साढ़े पांच साल के रामलला के आभूषण बनाने की थी चुनौती
रामलला के आभूषणों को तैयार करने की जिम्मेदारी लखनऊ के हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स (HSJ) को सौंपी गई थी. यह ज्वैलरी ब्रांड 100 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है. कंपनी के एमडी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि भगवान राम के आभूषण को बनाने के लिए मुझे राम मंदिर ट्रस्ट ने 1 जनवरी 2024 को संपर्क किया था. 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या दौरे के दौरान जब रामलला की मूर्ति फाइनल की थी, उसके बाद 1 जनवरी को राम मंदिर ट्रस्ट ने मुझे आभूषण बनाने को कहा था. इसके बाद मैं अपने एक कारीगर के साथ अयोध्या गया. वहां पहली बार भगवान राम की मूर्ति को देखा. हमने तो अभी तक राम को राजा के तौर पर देखा था लेकिन चुनौती साढ़े पांच साल के रामलला के आभूषण बनाने की थी.

कुल इतने आभूषण धारण किए हैं रामलला 
अंकुर अग्रवाल ने बताया कि भगवान राम के आभूषण बनाने में 15 किलो सोना, 18,500 हीरे, 3500 माणिक्य, 650 पन्ना और अनगिनत मोतियों का इस्तेमाल किया गया है. तिलक, मुकुट, 4 हार, कमरबंद, दो जोड़ी पायल, विजय माला, दो अंगूठी समेत कुल 14 आभूषण तैयार कराए गए हैं. ये आभूषण सिर्फ 12 दिन में बनकर तैयार हुए हैं. रामलला की हर एक ज्वैलरी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (IGI) की ओर से सर्टिफाइड है. 

मुकुट बनाने के लिए ये रखा गया था शर्त
भगवान के मुकुट में उत्तर प्रदेश के राजकीय चिह्न मछली को भी बनाया गया. राष्ट्रीय पक्षी मोर भी इस पर बनाया गया है. जब ज्वैलर को ट्रस्ट ने भगवान का मुकुट बनाने के लिए आमंत्रित किया तो उनसे ट्रस्ट ने शर्त रखी थी कि मुकुट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि भगवान राम एक 5.5 साल के बालक हैं. इसलिए जैसे 5.5 साल तक के बालक की वेशभूषा और आभूषण होते हैं वैसा ही मुकुट होना चाहिए. प्रभु के बालरूप को निखारने के लिए मुकुट के दोनों ओर पंख बनाए गए हैं. 

मुकुट में जड़े गए हैं 75 कैरेट के हीरे
रामलला के सिर पर सजा मुकुट सोने से बना है. इसका वजन 1700 ग्राम है. इसमें 75 कैरेट के हीरे, 135 कैरेट के जाम्बियन पन्ने और लगभग 262 कैरेट के माणिक शामिल हैं. मुकुट के बीच में बना सूर्य, सूर्यवंशी लोगो है जो राम लला की वंशावली को दर्शाता है. मुकुट में मोर की थीम भी है, जो देश का राष्ट्रीय पक्षी है और हमेशा से ही राजशाही का प्रतीक रहा है. मुकुट के केंद्र में पन्ना है, जो ज्ञान का सूचक है. मुकुट में लगाए गए हीरे शुद्ध और सैकड़ों साल पुराने हैं जो पवित्रता और सत्यता का प्रतीक हैं. मुकुट के पीछे का भाग 22 कैरेट सोने का बनाया गया है और लगभग 500 ग्राम वजन का है.

तिलक की खासियत
रामलला की मूर्ति के माथे पर सोने से बना तिलक है. तिलक 16 ग्राम सोने का है. इसके मध्य में तीन कैरेट हीरे और दोनों तरफ लगभग 10 कैरेट के हीरे लगाए गए हैं. तिलक के मध्य में जो माणिक्य इस्तेमाल हुआ है वह Burmese रूब बर्मी माणिक्य है.

पन्ना और माणिक्य की अंगूठी
रामलला के हाथ में पन्ना की एक अंगूठी पहनाई गई है. इसका वजन 65 ग्राम है. इसमें  4 कैरेट के हीरे और 33 कैरेट का पन्ना लगाया गया हैं. अंगूठी के बीच में गहरे हरे रंग का जांबियन पन्ना लगाया गया है, जो भगवान के वन गमन, सौहार्द्र और भगवान राम की बुद्धिमता का प्रतीक है. भगवान के दाहिने हाथ में 26 ग्राम सोने की माणिक्य की अंगूठी है जिसमें माणिक्य के साथ-साथ हीरे भी लगे हैं.

रामलला के गोले में है हार 
रामलला के गले में सुशोभित हार सोने से बना है. इसका वजन 500 ग्राम है. इसमें 50 कैरेट के हीरा के साथ-साथ 150 कैरेट के माणिक और 380 कैरेट के पन्ना जड़े हैं. इसके सेंटर में भी सूर्यवंशी लोगो है, जो माणिक और पन्ना से बने फूलों से घिरा हुआ है. भगवान राम का दूसरा हार पंचलड़ा है. पंचलड़ा का वजन 660 ग्राम है और जिसमें लगभग 80 हीरे, 550 कैरेट पन्ना लगाए गए है. 

22 कैरेट सोने से बना है विजया माला
रामलला के गले में सबसे बड़ा हार विजयमाला है. यह 22 कैरेट सोने से बना है. इसका बजन 2 किलोग्राम है. विजय माला में हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्नों को दर्शाया गया है. पंच पवित्र पुष्प कमल, कुंड, पारिजात, चंपा और तुलसी जो पंचभूत और भगवान राम के प्रकृति प्रेम को बताते हैं, उन्हें हार के मध्य में बनाया गया है. इसके साथी शंख चक्र को भी इस हार में दर्शाया गया है. हार की लंबाई ऐसी राखी आई है कि वो भगवान राम के चरणों को छू रहा है जो उनके चरणों में भक्ति और मानव कल्याण को दिखाता है.

कमरबंद और बाजूबंद
रामलला के कमरबंद 750 ग्राम सोना से बना है. इसमें 70 कैरेट हीरे, 850 कैरेट के माणिक और पन्ना का इस्तेमाल किया गया है. कमरबंद में हीरे का इस्तेमाल अटूट शक्ति और शाश्वत गुणों का प्रतीक है. माणिक भगवान राम के साहस और जुनून को दर्शाते हैं, ज्ञान और शांति का प्रतीक पन्ना भगवान राम के ज्ञान के अनुरूप है और पवित्रता व लालित्य के प्रतीक मोती आध्यात्मिक आभा को बढ़ाते हैं. रामलाल बाजुओं के लिए 22 कैरेट गोल्ड के 400 ग्राम के बाजूबंद बनाए गए हैं.

इतने ग्राम सोने से बना है कंगन 
रामलला के हाथों में सुशोभित कंगन 850 ग्राम सोना से बना है. इसमें 100 कैरेट के हीरे और 320 कैरेट के माणिक और पन्ने जड़े हैं. 

पग खडुआ
भगवान राम के नन्हे पैरों के लिए 400 ग्राम सोने के 55 कैरेट हीरे और 50 कैरेट पन्ना आदि जड़ित खडुआ बनाए गए हैं. रामलला के पैरों में जो पायल है, वह 22 कैरेट सोने से बनी है. इसका वजन लगभग 560 ग्राम है.

चांदी के खिलौने
भगवान राम साढ़े पांच साल के बालक हैं, तो उनके लिए खिलौने भी हैं. चांदी का घोड़ा, हाथी, ऊंट, झुनझुना, लट्टू बनाए गए हैं.

24 कैरेट सोने से बने हैं धनुष-बाण
रामलला अपने हाथों में धनुष-बाण धारण किए हुए हैं. भगवान राम के धनुष और बाण 24 कैरेट के 1 किलो सोने से बनाए गए हैं.

 

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