'राम मंदिर' की थीम पर बनारसी साड़ियां एक फैशन स्टेटमेंट की तरह सामने आ रही हैं. बनारस के बुनकर इस महीने राम मंदिर अभिषेक समारोह से पहले इन खूबसूरत साड़ियों पर काम कर रहे हैं. बुनकरों को साड़ियों पर विभिन्न पैटर्न के लिए अनुकूलित ऑर्डर मिले हैं, जिनमें पल्लू पर राम मंदिर की आकृति, भगवान राम के बचपन से लेकर रावण के वध तक के जीवन का विवरण देने वाले डिजाइन और बॉर्डर पर 'श्री राम' शिलालेख शामिल हैं.
मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अभिषेक समारोह में भाग लेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और एक सदी पहले से चले आ रहे मंदिर-मस्जिद विवाद का निपटारा किया. अब अयोध्या राम मंदिर में रामलला की 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए तैयार हो रही है. इसका उत्साह देश भर में है. यहां तक की बनारस के कारीगर भी अपनी अनूठी कृतियों के माध्यम से मंदिर के उद्घाटन के लिए अपना उत्साह व्यक्त कर रहे हैं.
राम मंदिर थीम वाली साड़ियों का क्रेज
बनारस में मुबारकपुर इलाके के बुनकर अनीसुर रहमान ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि इस भव्य आयोजन को लेकर वाराणसी के बुनकर समुदाय में भारी उत्साह है. रहमान ने कहा, "ऐतिहासिक विशेषताओं और रूपांकनों वाली साड़ियों की हमेशा भारी मांग रही है, लेकिन राम मंदिर के प्रति भावना पूरी तरह से अलग है." उन्होंने कहा, "हम राम मंदिर थीम पर साड़ियां तैयार कर रहे हैं और ये जल्द ही फैशन स्टेटमेंट का हिस्सा होंगी. हमारे पास देश के विभिन्न हिस्सों से महिलाओं के ऑर्डर हैं जो इन साड़ियों को पहनकर अपने-अपने स्थानों पर 22 जनवरी का जश्न मनाना चाहती हैं."
राम मंदिर की थीम पर डिजाइन की जा रही साड़ियों के प्रकार के बारे में बताते हुए रहमान ने कहा, "अलग-अलग तरह की साडियां हम बना रहे हैं. कुछ के पल्लू पर राम मंदिर का शिलालेख है; ये साड़ियां लाल और पीले रंग में बनाई जा रही हैं और शिलालेख सुनहरे रंग में है." दूसरी तरह की साड़ियां कई रंगों में उपलब्ध हैं और उनके बॉर्डर पर 'श्री राम' लिखा हुआ है.
7000 से 1 लाख रुपए तक कीमत
उन्होंने कहा, "तीसरी तरह की साड़ियां सबसे ज्यादा मांग में हैं जो भगवान राम के बचपन से लेकर रावण के वध तक उनके जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाती हैं." पीली कोठी क्षेत्र के एक अन्य बुनकर मदन ने कहा कि पल्लू पर 'राम दरबार' के चित्रण वाली साड़ियों की भी काफी मांग है. मदन ने कहा, "हमारे पास राम मंदिर-थीम वाली साड़ियों के लिए अमेरिका से भी दो ऑर्डर हैं." इन साड़ियों की कीमत 7,000 रुपये से शुरू होकर 1 लाख रुपये तक जाती है.
अपनी अनुकरणीय कारीगरी के लिए प्रसिद्ध, बनारसी रेशम की बुनाई सभी पीढ़ियों की महिलाओं को पसंद आती है. सालों से बनारस का बुनाई इकोसिस्टम अलग-अलग संस्कृतियों और परंपराओं के प्रभाव के अधीन रहा है, और समय के साथ एक अनूठी डिजाइन भाषा विकसित हुई है जिसकी दूर-दूर तक प्रशंसा की जाती है. 30 दिसंबर, 2023 को अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने लोगों से राम मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' के दिन का जश्न मनाने के लिए अपने घरों में विशेष दीये - श्री राम ज्योति - जलाने की अपील की थी.