पूरी दुनिया में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने वाले करोड़ों भक्त हैं. लंदन, न्यूयॉर्क, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई बड़े देशों में भगवान श्रीकृष्ण के बड़े बड़े और भव्य मंदिर हैं. भारत के मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और पूरे मथुरा में उनके अनगिनत मंदिर हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका सबसे बड़ा मंदिर या यूं कह लें कि दुनिया का सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर बंगाल में बनाया जा रहा है. 6 लाख स्क्वायर फीट से भी ज्यादा क्षेत्र में बनाए जा रहे इस मंदिर में अनेकों खासियत हैं. आज हम आपको इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं.
ISKON करवा रहा है मंदिर का निर्माण
इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्सियशनेस यानी इस्कॉन (ISKON) इस मंदिर का निर्माण करवा रहा है. इस्कॉन (ISKON) ने देशभर में कई भव्य मंदिरों के निर्माण करवाएं हैं. अब पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य मंदिर का निर्माण भी इस्कॉन करवा रहा है. यह मंदिर नदिया जिले के मायापुर में बन रहा है. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से इसकी दूरी करीब 130 किमी है. 2009 में मंदिर को बनाने का काम शुरू हुआ था. यानी 13 साल से काम चल रहा है. 2023 तक 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा और इसी साल मंदिर को भक्तों के लिए खोला जा सकता है.
12 एकड़ में फैला है मंदिर
मंदिर 12 एकड़ में फैला हुआ. कुल 7 फ्लोर हैं. मंदिर का कीर्तन हॉल 1.5 एकड़ में फैला हुआ है जहां एकबार में दस हजार भक्त कीर्तन भजन गा सकते हैं. जिस फ्लोर पर पुजारी पूजा की तैयारी करेंगे वो फ्लोर 2.5 एकड़ में फैला हुआ है. मंदिर के आगे 45 एकड़ में गार्डन है. इसी से मंदिर के भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है. अगर बात मंदिर के ऊंचाई की करें तो 350 फीट है. इस मंदिर का गुंबद दुनिया के किसी दूसरे बड़े मंदिर के गुंबद से कहीं बड़ा है. इसके गुंबद का व्यास 177 मीटर है.
बाहर के देशों से मंगवाया गया है मार्बल
मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा तो बनाया ही जा रहा है. इसके साथ ही इसके भव्यता को भी ध्यान में रखा जा रहा है. दुनिया के अलग-अलग देशों से मार्बल मंगवाए गए हैं. वैसे तो इस्कॉन ने कृष्ण जी का मंदिर जहां भी बनवाया है उसकी खूबसूरती देखते बनती है लेकिन इस मंदिर को सबसे खूबसूरत बनाने की तैयारी चल रही है.
मंदिर को कहा जा रहा है वैदिक तारामंडल
यह दुनिया का सबसे खास मंदिर हर मायने में होने वाला है. मंदिर के गुंबद को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि भक्तों को दुनिया के बारे में भी पता चल सके. जैसे कि यह दुनिया किसने, कब और क्यों बनाई. दुनिया बनाने के पीछे का उद्देश्य क्या है. इन सारे सवालों का जवाब यहां मिलेगा. इसलिए इसे वैदिक तारामंडल भी कहा जा रहा है.
मंदिर की लागत कितनी है ?
मंदिर की कुल लागत 800 करोड़ से भी ज्यादा का बताया जा रहा है. मंदिर बाहर से जितना खूबसूरत होगा उतना ही भव्य अंदर का हिस्सा भी होगा. मंदिर में 20-20 मीटर के झूमर लगाए जा रहे हैं.