चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च 2023 से हो रहा है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है. मां की पूजा-अर्चना से जीवन में चल रही दिक्कतें दूर हो जाती हैं. नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिव्य ज्योति के प्रज्ज्वलित रहने से माता रानी प्रसन्न होती हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति के लिए उचित दिशा और स्थान का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है. इसके अभाव में पूजा का पर्याप्त फल नहीं मिलता है.
आग्नेय कोण में स्थापना सबसे अच्छा
अखंड ज्योति से तात्पर्य होता है बिना खंडित हुए प्रज्ज्वलित रहने वाली ज्योति. घर में प्रज्ज्वलित करने पर इसके नियमों का पालन करना चाहिए और इसे सुरक्षित बनाए रखना चाहिए. यदि आप वास्तु की मानें तो अखंड ज्योति का संबंध अग्नि से होता है इसलिए इसे स्थापित करते समय दिशा का ध्यान जरूर रखना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना आग्नेय कोण में करना सबसे अच्छा होता है.
खंडित न हो दीपपात्र
हमेशा उसी जगह पर अखंड ज्योति रखनी चाहिए जहां माता की मूर्ति या कलश की स्थापना की गई हो. दीपक आप मां की मूर्ति के दाई और स्थापित करें. यदि तेल का दीपक मां दुर्गा के लिए जला रहे हैं तो इसे प्रतिमा के बाई और स्थापित करें. अखंड ज्योति किसी पीतल या फिर मिट्टी के दीप पात्र में घटस्थापना के दिन से शुरू कर सकते हैं. नौ दिनों तक इसे जलाकर रखना होता है. इस बात का ध्यान रखें कि जिस पात्र में आप अखंड ज्योति जला रहे हैं वह खंडित न हो. दीपपात्र को जमीन पर भी न रखें. पूजा की चौकी पर आप अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने अखंड ज्योति को जलाएं. अखंड ज्योति के लिए आप गाय के घी का इस्तेमाल करें. इसके अलावा आप तिल का तेल या फिर शुद्ध सरसो के तेल का भी ज्योति के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
ऐसे करें अखंड ज्योति की स्थापना
अखंड ज्योति हमेशा ऐसी हो कि आप इसकी गर्माहट का अनुभव कर सकें और इसकी लौ हमेशा सुनहरी जलनी चाहिए. अखंड ज्योति रखते समय आपको पहले कुछ अक्षत रखने चाहिए फिर इसके ऊपर कुमकुम डालना चाहिए और फिर अखंड ज्योति की स्थापना करनी चाहिए.
अखंड ज्योति को अकेला न छोड़ें
जिस घर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है, वहां ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है. ऐसे में भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें. सात्विक आहार का ही सेवन करें. देवी के बगल में प्रज्ज्वलित अखंड ज्योति को कभी भी अकेला न छोड़ें. इसके पास हमेशा घर का कोई सदस्य होना चाहिए. दूसरा, इसमें साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखा जाता है.