देवशयनी एकादशी से श्रीहरि योग निद्रा में लीन हो जाते हैं. देवशयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक भगवान श्री हरि चार महीने विश्राम करते हैं. इसीलिए इन 4 महीनों में कोई भी शुभ काम नहीं होंते हैं.
चतुर्मास की गणना-
देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास होता है. चलिए आपको बताते हैं कि इसमें कौन-कौन से चार महीने आते हैं.
बेहद खास हैं चार महीने-
क्या आप जानते हैं कि ये 4 महीने बेहद खास हैं. ज्योतिषी मानते हैं कि चातुर्मास में भले ही शुभ कामों की मनाही हो. लेकिन पूजा उपासना और कुछ खास प्रयोंगों से काम बनाए जा सकते हैं. तो चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं क्यों खास है चातुर्मास.
चातुर्मास का पहला महीना सावन-
चातुर्मास का पहला महीना सावन है और इस महीने में देवाधिदेव महादेव की कृपा रहती है. सावन के महीने में शिव आराधना और उनकी उपासना से हर मनोकामना पूरी हो सकती है. तो चलिए आपको चातुर्मास के पहले महीने यानि सावन के बारे में बताते हैं.
सावन में पूरी होंगी मनोकाकामनाएं-
ये भगवान शिव का महीना है. सावन का महीना 14 जुलाई से 12 अगस्त तक रहेगा. इसमें वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर की जा सकती हैं. इसके अलावा आयु और स्वास्थ्य की समस्याओं का निवारण भी होता है. इसी महीने में तमाम ग्रह बाधा और ग्रह दोषों को भी दूर कर सकते हैं.
भगवान शिव की होती है विशेष कृपा-
सावन के पावन महीने में भगवान शंकर की विशेष कृपा भक्तों पर रहती है. मान्यता है कि सावन में भगवान शंकर का पूजन करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. भगवान शिव को सावन का महीना सबसे प्रिय है. सावन महीने में मुख्य रूप से शिवलिंग की पूजा का विधान है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है. श्रावण माह से ही भगवान शिव की कृपा के लिए सोलह सोमवार के उपवास आरंभ किए जाते हैं. इस महीने में शिव की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा बरसती है. सावन में भोलेनाथ का पार्थिव पूजन, शिव सहस्त्रनाम का पाठ, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक बिल्वपत्र चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होगी. इन चार महीनों में सावन का महीना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. इस माह में जो व्यक्ति भागवत कथा, भगवान शिव का पूजन, धार्मिक अनुष्ठान, दान करेगा उसे अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.
चातुर्मास का दूसरा महीना भाद्रपद-
चातुर्मास के दूसरे महीने में यानि भाद्रपद में श्रीहरि के अवतार भगवान कृष्ण की कृपा भक्तों पर रहती है. तो चलिए आपको भाद्रपद महीने की महिमा भी बता देते हैं.
इसी महीने में भगवान गणेश के 11 दिन के गणपति उत्सव की धूम होती है. महाराष्ट्र के गणपति पंडालों की शोभा तो इन 11 दिनों देखते ही बनती है. जैसी आपकी मनोकामना हो, वैसी ही आपकी उपासना भी होनी चाहिए. सच्चे मन से की कई उपासना हर मनोकामना पूरी कर सकती है. क्योंकि पूजा पाठ में अद्भुत शक्ति होती है.
चातुर्मास का तीसरा महीना-
जब बात शक्ति की हो तो इसके लिए सबसे उत्तम चातुर्मास का तीसरा महीना यानि आश्विन का महीना है. तो चलिए आपको आश्विन महीने की महिमा भी बता देते हैं.
चातुर्मास का चौथा महीना कार्तिक-
चातुर्मास का अंतिम महीना कार्तिक मास होता है. इस माह में गंगा स्नान, दीप दान, हवन और यज्ञ का विशेष महत्व है.
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