देश में कई जगहों पर सूर्य मंदिर है जहां छठ के मौके पर उपासना के लिए विशेष तैयारी की गई है. राजधानी रांची से करीब 35 किलोमीटर दूर खूंटी के बुंडू में भी सूर्य मंदिर है जहां छठ को लेकर खास तैयारी की गई है. मंदिर के रंगरोगन से लेकर घाट की सफाई कर ली गई है.
यहां भगवान ने सूर्य को दिया था अर्घ्य
खूंटी के सूर्य मंदिर में छठ को लेकर विशेष मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने यहां सूर्य की उपासना की थी और उन्हें अर्घ्य दिया था. इस मंदिर के पुजारी सत्यनारायण पाठक बताते हैं कि वनवास के समय भगवान राम यहां आए थे. 1991 में संयुक्त बिहार में यहां मंदिर के लिए भूमिपूजन किया गया था और 1994 में भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ.
ऐसा है खूंटी का सूर्य मंदिर
मंदिर को भगवान सूर्य के रथ को उड़ते हुए स्वरूप में बनाया गया है. मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है. मंदिर के अंदर एक बड़ा हॉल है जहां एक साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु बैठकर पूजा अर्चना कर सकते हैं. दिन में रोशनी के लिए कभी बिजली की जरूरत नहीं पड़ती. मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि गुंबद से लेकर चारों दिशाओं से भगवान सूर्य की रोशनी अंदर पहुंचती है.
छठ पर हजारों की संख्या में पहुंचते हैं लोग
छठ पर्व के मौके पर हर साल आसपास के कई जिलों से और बिहार से भी हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं. छठ व्रतियों के लिए यहां विशेष व्यवस्था की जाती है. मंदिर के पश्चिम दिशा में पहाड़ी के बीच तालाब है जहां से छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं. यह झारखंड के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां हर साल हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं.