त्यौहार हमारी जिंदगी में खुशियां लेकर आते हैं. दिसंबर का आखिरी हफ्ता चल रहा है. पश्चिमी देशों के साथ-साथ भारत में भी क्रिसमस की धूम है. दफ्तरों में लोग सीक्रेट सेंटा बनकर एक-दूसरे को गिफ्ट बांट रहे हैं.
क्रिसमस एक ऐसा समय है जब पूरा परिवार एकजुट होकर खुशियां मनाता है. सांता क्लॉज सभी को गिफ्ट्स देता है. सांता क्लॉज से मिले उपहार को लेकर सबसे ज्यादा बच्चे उत्साहित होते हैं. सांता क्लॉज नाम की पौराणिक आकृति क्रिसमस समारोह का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर बच्चों के लिए. तो आइए आपको बताते हैं, क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार और कहां से हुई इसकी उत्पत्ति.
क्रिसमस 2021: कब से मनाया जाता है?
क्रिसमस पहली बार 25 दिसंबर को 336 ईसवी में मनाया गया. यह रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय से मनाया जाता है, जो की सबसे पहले ईसाई रोमन सम्राट थे. इसकी औपचारिक घोषणा पोप जूलियस ने की थी कि हर साल 25 दिसंबर को यीशु के जन्म की खुशी मनाई जाएगी. दरअसल कई विविध परंपराओं और सिद्धांतों के कारण 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है. ईसाई रिवाजों का मानना था कि मैरी को पता था कि वह एक खास बच्चे को जन्म देंगी और उन्होंने 25 मार्च को इसकी घोषणा की थी. इसके नौ महीने बाद 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म हुआ, और तब से 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाने लगा.
क्रिसमस 2021: क्रिसमस मनाने के कारण
क्रिसमस का उत्सव खुशी, उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन ईसाई लोग पूजा करते हैं. लोग चर्च जाते हैं, कैरोल गाते हैं, विभिन्न धार्मिक सेवाओं में भाग लेते हैं, एक दूसरे को उपहार देते हैं, अपने घरों को रोशनी, फूलों और मिस्टलेटो से सजाते हैं और क्रिसमस के दिन सभी से परिवार की तरह मिलते हैं. दुनिया भर के चर्च क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शाम में सज जाते हैं. कई चर्च आधी रात को कैंडल सर्विस भी करते हैं. लोग इस अवसर को मनाने के लिए रम केक और दावतें भी तैयार करते हैं. वहीं उत्सव को और भी मजेदार बनाने के लिए क्रिसमस कैरोल गाते हैं.