Christmas 2022: क्रिसमस पर्व एक-दो नहीं बल्कि 12 दिनों तक मनाया जाता है, जानें हर दिन की खासियत

क्रिसमस खुशी का पर्व है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर से शुरू होकर एक-दो दिन नहीं बल्कि 12 दिनों तक चलता है. हर दिन का अपना महत्व है.

क्रिसमस को लेकर सजा चर्च (फोटो पीटीआई)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:33 AM IST
  • क्रिसमस को प्रभु यीशु के जन्म का शुभ समाचार आया था
  • 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस धूमधाम से मनाया जाता है

क्रिसमस का पर्व ईसाई धर्म के लोगों के लिए बहुत खास है. यह हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. भारत में अब अन्य धर्मों के लोग भी इस पर्व को धूमधाम से मनाने लगे हैं. इस दिन गिरिजा घरों की रौनक देखने लायक होती है. क्रिसमस पर्व सिर्फ एक-दो दिन नहीं बल्कि 12 दिनों तक मनाया जाता है.आइए जानते हैं हर दिन का महत्व.

पहला दिन (25 दिसबंर) : इस दिन को क्रिसमस डे को रूप में मनाया जाता है. इसी दिन से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो जाता है. क्रिसमस पर्व के पहले दिन को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं.

दूसरा दिन (26 दिसंबर) : इस दिन को बॉक्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को सेंट स्टीफन डे के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि ईसाई धर्म के लिए सबसे पहले कुर्बानी देने वाले व्यक्ति सेंट स्टीफन थे.

तीसरा दिन (27 दिसंबर) : क्रिसमस पर्व का तीसरा दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है. सेंट जॉन के बारे में कहा जाता है कि वे ईसा मसीह से प्रेरित और उनके मित्र माने जाते हैं.

चौथा दिन (28 दिसंबर) : क्रिसमस पर्व के चौथे दिन के बारे में कहा जाता है कि इस दिन किंग हीरोद ने ईसा मसीह को खोजते समय कई मासूम लोगों का कत्ल कर दिया था. उन्हीं मासूम लोगों की याद में इस दिन उनके लिए प्राथना का आयोजन किया जाता है.

पांचवां दिन (29 दिसंबर) : क्रिसमस पर्व के पांचवां दिन सेंट थॉमस को समर्पित होता है. 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने पर आज ही के दिन उनका कत्ल कर दिया गया था.

छठा दिन (30 दिसंबर) : यह दिन सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को समर्पित होता है. इस दिन ईसाई धर्म के लोग सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को याद करते हैं.

सातवां दिन (31 दिसंबर) : इस दिन के बारे में ऐसा कहा जाता है कि पॉप सिलवेस्टर ने इस दिन को मनाया था. कई यूरोपियन देशों में नए साल से पहले की शाम को सिलवेस्टर कहा जाता है. इस दिन खेलकूद आयोजित किए जाते हैं.

आठवां दिन (1 जनवरी) : क्रिसमस का आंठवां दिन ईसा मसीह की मां मदर मैरी को समर्पित होता है.

नौवां दिन (2 जनवरी) : क्रिसमस पर्व का नौवां दिन, चौथी सदी के सबसे पहले ईसाई सेंट बसिल द ग्रेट और सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन को समर्पित होता है. इस दिन उन्हें याद किया जाता है.

10वां दिन (3 जनवरी) : मान्यताओं के अनुसार आज के दिन ईसा मसीह का नाम रखा गया था. इस दिन चर्च को सजाया जाता है और गीत गाए जाते हैं.

11वां दिन (4 जनवरी) : यह दिन 18वीं और 19वीं सदी की संत सेंट एलिजाबेथ को समर्पित है. वे अमेरिका की पहली संत थीं. इस दिन उन्हें याद किया जाता है.

12वां दिन (5 जनवरी) : क्रिसमस पर्व का आखिरी दिन अमेरिका के पहले बिशप सेंट जॉन न्यूमन को समर्पित है.इस दिन को एपीफेनी भी कहा जाता है.

 

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