उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जनपद निवासी एक होनहार छात्र ने वो कर दिखाया है जिसे देख कर हर कोई हैरान है. आपको बता दें की 22 जनवरी को अयोध्या में स्थित राम मंदिर में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं, जिसको लेकर अयोध्या क्या पूरे देश में बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है. इस मौके पर मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित गांधी कॉलोनी निवासी एमकॉम के एक छात्र तुषार शर्मा ने अखबार की रद्दी से राम मंदिर का भव्य मॉडल तैयार किया है.
इस मंदिर को तैयार करने में इस छात्र ने अखबार की रद्दी से बनी लगभग 8000 स्टिक्स का इस्तेमाल किया है. तुषार की माने तो चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद उसने राम मंदिर के इस मॉडल को तैयार किया है और अब यह छात्र चाहता है कि उसके इस राम मंदिर के मॉडल को किसी तरह अयोध्या में स्थित राम मंदिर के अंदर एक छोटी सी जगह मिल जाए जहां इसे देश और दुनिया से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु देख सके.
न्यूजपेपर से बना रहे हैं तहर-तरह के मॉडल
आपको बता दें कि कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में जब सभी लोग घरो में क़ैद थे तब इस छात्र तुषार ने अपने खाली समय में अखबार की रद्दी से अलग-अलग मॉडल बनाने शुरू किए थे. तुषार ने अब तक अखबार की रद्दी से कई महापुरुषों के चित्र बनाये हैं और इसके बाद, राम मंदिर, इंडिया गेट, लाल किला, गोल्डन मंदिर, केदारनाथ मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, गांधीजी का चरखा, राफेल, वाइट हाउस, स्कूटर,बाइक, ट्रैक्टर, पेंसिल स्टैंड, रिक्शा, कान्हा जी का झूला, दो बैलों की जोड़ी , ई-रिक्शा, पंखा टेबल चेयर, गिटार. दीवार घड़ी आदि के एक से बढ़कर एक मॉडल तैयार किए हैं.
इस बारे में जब हमने तुषार शर्मा से बात की तो उनका कहना था कि अखबार की रद्दी और वेस्ट पेपर को रिसाइकल करके उन्होंने राम मंदिर का मॉडल बनाया है. इस विचार की शुरुआत लॉकडाउन में हुई थी क्योंकि उसी दौरान उन्होंने सोचा कि एक दिन वह राम मंदिर का मॉडल बनाएंगे. इस मॉडल में 8000 स्टिक्स लगाए हैं और यह राम मंदिर का उनका अब तक का सबसे बड़ा मॉडल है. यह उनके लिए एक मिशन भी था कि वह यह बना पाऊंगा या नहीं बना पाऊंगा क्योंकि यह बनाना बहुत मुश्किल है.
पार्ट-टाइम जॉब भी करते हैं तुषार
तुषार स्कूल में जॉब भी करते हैं और इसलिए स्कूल से आने के बाद वह इस पर काम करते थे. सबसे पहले उन्होंने बेस बनाया जो कि पूरे 2000 स्टिक से बना हुआ है एवं इसके बीम बनाएं जिसमें चार-चार स्टिक लगी हुई हैं और इसमें कम से कम डेढ़ सौ बीम लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि अब तक वह कम से कम 50 मॉडल बना चुके हैं. राम मंदिर का मॉडल बनाने में 4 महीने लगे हैं क्योंकि 2 महीने तो स्टिक बनाने में ही लगते हैं.
तुषार स्कूल में भी बच्चों को आर्ट्स एंड क्राफ्ट सिखाते हैं. तुषार की इच्छा है कि उनके बनाए मंदिर के मॉडल को राम मंदिर में कहीं जगह मिल जाएं.
(संदीप सैनी की रिपोर्ट)