Ram Mandir: रामलला के लिए दिल खोलकर दान कर रहे श्रद्धालु...रोजाना तीन से चार लाख और प्रतिमाह डेढ़ से दो करोड़ रुपये आ रहा चढ़ावा

राम मंदिर के लिए भक्तों ने अभी से लाखों करोड़ो रुपये का दान करना शुरू कर दिया है. उम्मीद है कि मंदिर बन जाने के बाद दान के आंकड़े में चार गुना की बढ़ोतरी होगी. डबल इंजन की सरकार में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व आधुनिक अयोध्या का निर्माण हो रहा है.

Ayodhya Ram Mandir
शिल्पी सेन
  • अयोध्या,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

डबल इंजन की मोदी-योगी सरकार में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व आधुनिक अयोध्या का निर्माण हो रहा है. अयोध्या आकर श्रीरामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि हो रही. श्रद्धालु यहां भगवान रामलाल का दर्शन-पूजन भी कर रहे हैं और भगवान रामलला के लिए दिल खोल कर दान भी कर रहे हैं. फिलहाल यहां रोजाना तीन से चार लाख का दान भगवान रामलला की दान पेटी में आ रहा है. पूरे महीने की बात करें तो यह राशि डेढ़ से 2 करोड़ रुपये दानपेटी के माध्यम से आ रहा है. ऑनलाइन दान की अभी तक कोई काउंटिंग नहीं की जा सकी है.

दान-चढ़ावे में होगी वृद्धि
22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में लाखों भक्त पहुंचेंगे. वे यहां भगवान श्रीराम का दर्शन पूजन करेंगे और अपने इच्छा भाव से श्रीराम मंदिर के लिए दान भी करेंगे. फिलहाल यहां अस्थायी मंदिर में भी अपने रामलला के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी है. अपनी श्रद्धा से दान करने वालों का यह आलम तब है, जब भगवान श्री रामलला अपने अस्थायी मंदिर में हैं. जब वे अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो इसका कोई अंदाजा नहीं है कि प्रतिदिन कितना दान आएगा. हालांकि यह जरूर है कि मंदिर बन जाने के बाद श्रद्धालुओं की ओर से दान-चढ़ावे का आंकड़ा चार गुना बढ़ जाएगा.

सामर्थ्य के अनुरूप दान कर रहे हैं लोग 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक हमारे यहां दान पात्रों में रोजाना धन पड़ता है. जब भर जाता है तब उसकी गिनती होती है. कैसे कह दिया जाए कितना आ रहा है, लेकिन काउंटर पर जो आ रहा है, वह प्रतिदिन तीन से चार लाख के बीच है. महीने में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए आ रहा है. दानदाताओं की कमी नहीं है. अपने सामर्थ्य से लोग बढ़चढ़ कर दान दे रहे हैं. लोग अनोखी अनोखी चीजें भी बनवाकर ला रहे हैं. लोग सोच रहे हैं कि भगवान के लिए क्या कर दें. लोग जो कर रहे हैं,  हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

 

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