Diwali पर इस मंदिर में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़, रानी लक्ष्मीबाई यहां रोज करती थीं पूजा-अर्चना..जानिए क्या है मंदिर का इतिहास

अठारहवीं सदी में महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण कराया गया था. रानी लक्ष्मीबाई जब विवाह के बाद झांसी आईं तो वे नियमित रूप से इस मंदिर में दर्शन करने आती थीं.

झांसी का महालक्ष्मी मंदिर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST
  • अठारहवीं शताब्दी में कराया गया था मंदिर का निर्माण
  • पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है महालक्ष्मी मंदिर

दीपावली पर्व के मौके पर झांसी के महालक्ष्मी मंदिर पर श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों की खासी भीड़ उमड़ती है. उत्तर प्रदेश सरकार के पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर को संरक्षित कर रखा है. धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह स्थान बुंदेलखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और दूर-दराज से लोग इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं. सामान्य दिनों में भी यहां हर रोज बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. दीपावली के पर्व पर इस मंदिर में लोग सुबह से रात तक दर्शन करने के लिए उमड़ते दिखाई देते हैं. दीपावली पर मंदिर की सजावट करने के साथ ही देवी लक्ष्मी की परम्परागत तरीके से आराधना की जाती है.

रानी लक्ष्मीबाई नियमित करती थीं दर्शन

बताया जाता है कि अठारहवीं सदी में महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण कराया गया था. रानी लक्ष्मीबाई जब विवाह के बाद झांसी आईं तो वे नियमित रूप से इस मंदिर में दर्शन करने आती थीं. इस कारण इस मंदिर को रानी लक्ष्मीबाई का मंदिर भी कहा जाने लगा. प्राचीन समय से ही इस मंदिर में लक्ष्मी पूजन की परंपरा रही है. पुरातात्विक महत्व के कारण इसे संरक्षित करने के साथ ही इसके आसपास मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया गया है. दीपावली के दिन परंपरा के मुताबिक यहां कई तरह के धार्मिक आयोजन किये जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है.

धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र

प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. मनोज कुमार यादव के मुताबिक महालक्ष्मी मंदिर प्राचीन मंदिर है. यहां हर साल विभिन्न क्षेत्रों से लोग दर्शन करने आते हैं, जिससे इस मंदिर की महत्ता का पता चलता है. मंदिर में प्रतिवर्ष दीपावली पर क्षेत्र एवं परिक्षेत्र से बहुत सारे लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. साज-सज्जा और अलंकरण समस्त क्षेत्रवासियों द्वारा किया जाता है. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्ति बताती हैं कि महालक्ष्मी मंदिर धार्मिक पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण स्थान है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं  के लिए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है. दीपावली के मौके पर यहां परम्परागत तरीके से महालक्ष्मी के पूजन-अर्चन का कार्यक्रम लोग आयोजित करते हैं.

महाराष्ट्र की निर्माण शैली में के नक्से पर बना है मंदिर

बताते है कि यह मंदिर महाराष्ट्र की निर्माण शैली पर बना है और पूरे भारत वर्ष में ऐसे मां लक्ष्मी में सिर्फ तीन मंदिर है, जिसमें से एक बुंदेलखंड के झांसी में और बाकी दो महाराष्ट्र में स्थित है.

(रिपोर्ट- अमित श्रीवास्तव)

Read more!

RECOMMENDED