Dhanteras 2022: धनतेरस की पूजन विधि से लेकर धार्मिक मान्यता और शुभ मुहूर्त तक, जानिए भगवान धन्वंतरी की महिमा

धनतेरस के लिए मान्यता है कि धन के देवता कुबेर, भगवान धन्वंतरी की उपासना से धन लाभ और उत्तम सेहत का वरदान मिलता है. इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर को पड़ रहा है. इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा बताई गई हैं.

शुभ धनतेरस
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST
  • बर्तन खरीदने की है परंपरा
  • सेहत और आरोग्य के लिए होती है धनवंतरी की पूजा

धनतेरस पर देश के हर शहर के बाजार जगमग कर रहे हैं. बाजारों में शाम दिन जैसी रौशन दिख रही है. पौराणिक मान्यता है समुद्र मंथन से त्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरि अमृत का कलश लेकर निकले थे इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा बताई गई हैं. इस दिन सोने,चांदी,तांबे और पीतल के बर्तन खरीदना सबसे शुभ होता है.

क्यों मनाया जाता है धनतेरस ?
धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला था. इस दिन देवताओं के वैद्य धन्वंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. सेहत और आरोग्य के लिए इस दिन धन्वंतरी की उपासना होती है. ये दिन कुबेर का दिन भी माना जाता है. धन और संपन्नता के लिए इस दिन कुबेर की भी पूजा होती है. धनतेरस के दिन सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदने की परंपरा है.

क्या है कहानी?
कहते हैं जब समुद्र मंथन हो रहा था तब सागर की अतल गहराइयों से चौदह रत्न निकले थे. जब देवता और दानव मंदार पर्वत को मथनी बनाकर वासुकी नाग की मदद से समुद्र का मंथन कर रहे थे. तब तेरह रत्नों के बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को चौदहवें रत्न के रूप में धन्वंतरि सामने आए. धन्वंतरि अमृत यानी जीवन का वरदान लेकर प्रकट हुए थे और आयुर्वेद के जानकार भी थे इसलिए उन्हें आरोग्य का देवता माना जाता है. भगवान धनवंतरि चतुर्भुजी हैं. भगवान विष्णु की तरह ही इसके एक हाथ में शंख और चक्र रहता है जबकि अन्य दो हाथों में जलूका और अमृत कलश रहता है.

धनतेरस का शुभ मुहूर्त
 इस बार त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर सायं 06.02 से आरम्भ होगी. सारी खरीदारी इस समय के बाद करें तो उत्तम होगा.खरीदारी का सबसे उत्तम समय होगा, सायं 06.00 से 07.30 तक का होगा. प्रातः 09.00 से 10.30 के बीच पूजन और खरीदारी न करें.

धनतेरस के दिन कौन सी चीजें जरूर खरीदें ?
- धातु से बना कोई पानी का बर्तन खरीदें
- गणेश और लक्ष्मी की अलग-अलग मूर्तियां खरीदें
- खील-बताशे, मिट्टी के दीपक ज़रूर खरीदें
- अंकों का बना हुआ धन का कोई यन्त्र भी खरीदें
- इसकी पूजा धनतेरस के दिन करें

धनतेरस की पूजा विधि
- शाम को उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरी की स्थापना करें
- दोनों के सामने घी का एकमुखी दीपक जलाएं
- कुबेर को सफ़ेद मिठाई और धन्वंतरी को पीली मिठाई चढ़ाएं
- पहले "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें
- फिर " धन्वंतरी स्तोत्र" का पाठ करें और प्रसाद खाएं
- दिवाली के दिन कुबेर को धन स्थान पर रखें
- धन्वंतरी को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें

 

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