Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन 178 साल बाद बनेगा अद्भुत संयोग, जानें पूजन विधि और इन बातों का रखना है खास ख्याल

इस साल धनतेरस के मौके पर अद्भुत संयोग बना रहा है. ऐसा संयोग 178 साल बाद बन रहा है. इस बार त्रयोदशी तिथि सायं 06.02 से आरम्भ होगी. अतः सारी खरीदारी इस समय के बाद करें तो उत्तम होगा.

भगवान धन्वंतरि
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST
  • इस बार दो दिन रहेगा धनतेरस
  • 23 को होगी भगवान धन्वंतरि की पूजा

दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है. माना जाता है इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान ,अमृत का कलश लेकर धन्वन्तरि , जो कि देवताओं के वैद्य हैं,प्रकट हुए थे. स्वास्थ्य रक्षा और आरोग्य के लिए इस दिन धन्वंतरि देव की उपासना की जाती है. इस दिन को कुबेर का दिन भी माना जाता है, और धन सम्पन्नता के लिए कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन लोग मूल्यवान धातुओं का और नए बर्तनों आभूषणों की खरीदारी करते हैं. उन्हीं बर्तनों तथा मूर्तियों आदि से दीपावली की मुख्य पूजा की जाती है. हालांकि इस बार धनतेरस की तारीख को लेकर काफी कन्फ्यूजन है. इस बार धनतेरस 22 और 23 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रहा है.

इस बार दो दिन रहेगा धनतेरस
विशेषज्ञों के अनुसार धनतेरस का महत्व यम के निमित्त दीपदान का है. ये शाम को प्रदोष काल में होता है. तेरस प्रदोष काल 22 की शाम को रहेगी, इसलिए दीप दाम 22 को ही होगा. हालांकि धन्वन्तरि पूजन 23 को किया जा सकेगा. खास बात ये है कि 5 दिन वाला दिपावली का त्योहार इस बार 6 दिन का होगा. क्योंकि 25 को सूर्य ग्रहण के कारण कोई पर्व नहीं मनेगा.

23 को होगी भगवान धन्वंतरि की पूजा
तेरस 22 अक्टूबर को दोपहर 3.03 बजे से 23 की शाम 5.20 बजे तक रहेगी. फिर चतुर्दशी शुरू होगी. भगवान धन्वंतरि का जन्म मध्यान्ह में हुआ था, इसलिए धन्वंतरि का पूजन 23 को होगा. विशेषज्ञों के अनुसार धनतेरस पर दोनों दिन खरीदना शुभ है. इस दिन सोना, चांदी, वाहन जमीन सहित अन्य कई चीजें खरीदी जा सकती हैं.

भगवान के जन्म के समय के क्या होगी ग्रहों की स्थिति
धनतेरस पर धन के कारक गुरु और स्थायित्व के कारक शनि स्वयं की राशि क्रमशः मीन व मकर में गोचर हो रहे हैं. इससे पहले यह संयोग 178 साल पहले की धनतेरस यानी 8 नवंबर 1844 को बना था.

धनतेरस के दिन क्या करें और किन खास बातों का ख्याल रखें?
सारी सफाई के कार्यक्रम धनतेरस के पूर्व निपटा लें, धनतेरस के दिन तक सफाई जारी न रखें. इस दिन केवल कुबेर की पूजा न करें , धन्वंतरी देवता की उपासना भी जरूर करें. अगर इस दिन धातुओं का क्रय करना है तो सोना, पीतल चांदी या स्टील खरीदना चाहिए. दीपावली के लिए गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां और अन्य पूजन सामग्री भी इसी दिन क्रय करें. धनतेरस के दिन लोहा खरीदने से बचना चाहिए. इस दिन थोड़ा बहुत दान भी जरूर करें, और यह दान निर्धनों में करें तो ज्यादा अच्छा होगा. 

धनतेरस के दिन क्या जरूर खरीदें?
धनतेरस के दिन धातु का बर्तन, अगर पानी का बर्तन हो तो ज्यादा अच्छा होगा. गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां , दोनों अलग अलग होनी चाहिए. खील बताशे और मिटटी के दीपक, एक बड़ा दीपक भी जरूर खरीदें. चाहें तो अंकों का बना हुआ धन का कोई यंत्र भी खरीदे. इसकी पूजा धनतेरस के दिन कर सकते हैं.

धनतेरस के दिन किस प्रकार पूजा उपासना करें ?
- संध्याकाळ में उत्तर की ओर कुबेर तथा धन्वंतरि की स्थापना करें 
- दोनों के सामने एक एक मुख का घी का दीपक जलाएं 
- कुबेर को सफ़ेद मिठाई और धन्वन्तरि को पीली मिठाई चढ़ाएं 
- पहले "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें 
- फिर "धन्वन्तरि स्तोत्र" का पाठ करें 
- प्रसाद ग्रहण करें 
- पूजा के बाद , दीपावली पर , कुबेर को धन स्थान पर और धन्वन्तरि को पूजा स्थान पर स्थापित करें 

 

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