हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों, दफ्तरों में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान राम 14 बरस के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे. इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. लेकिन इस बार दिवाली के फौरन बाद ही आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा. कई सालों बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा न होकर एक दिन का अंतर है. दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षो बाद पड़ रहा है. सूर्यग्रहण के चलते इस बार गोवर्धन पूजा भी दिवाली के तीन दिन बाद की जाएगी.
इन राशियों को होगा लाभ
सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहार के बीच पड़ने के साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे. 25 अक्टूबर को लगने जा रहे सूर्यग्रहण के दौरान भी तुला राशि में राहु, सूर्य, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे. सूर्य ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा तुला राशि पर ही पड़ेगा. आपको सेहत और खर्च पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. कर्क, सिंह और धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ संदेश लेकर आने वाला है.
कब और कहां देखा जा सकेगा ग्रहण
25 अक्टूबर की शाम 4 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और शाम 6.25 बजे ग्रहण खत्म होगा. दिवाली के बाद लगने वाला सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में आसानी के साथ देखा जा सकेगा, जबकि पूर्वी भागों में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा क्योंकि यहां पर सूर्यास्त जल्दी हो जाएगा. दिल्ली, राजस्थान,पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड. जम्मू, श्रीनगर, लेह और लद्दाख में पूर्ण रूप से सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा. जबकि तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और बंगाल में कुछ समय के लिए ही सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
सूतक काल कब लगेगा
हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू हो जाएगा. सूर्य ग्रहण लगने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले लग जाता है. यह ग्रहण शाम 5 बजकर 30 मिनट पर खत्म हो जाएगा. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डाला जाता है.