Diwali Laxmi Puja Muhurat: 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन मना सकते हैं दिवाली! मां लक्ष्मी की पूजा के लिए गुरुवार को 1 घंटे 45 मिनट और शुक्रवार को सिर्फ 41 मिनट का है शुभ मुहूर्त, जानिए पूजा विधि

Diwali 2024 Laxmi Pujan Shubh Muhurat Time: दिवाली के दिन प्रदोष काल में धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना की जाती  है. धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक में भ्रमण के लिए आती हैं. इस रात जो कोई भी मां लक्ष्मी का पूजन करता है, उसकी प्रार्थना जरूर स्वीकार होती है. 

Diwali 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:55 AM IST
  • हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है दिवाली 
  • इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की होती है पूजा

Diwali Par Laxmi Puja Ka Muhurat : हिंदू धर्म में दिवाली (Diwali) के पर्व का विशेष महत्व है. इस त्योहार में हर घर खुशियों से रोशन होता है. यह पांच दिनों का पर्व है लेकिन इस बार दीपावली की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति के कारण यह त्योहार छह दिनों तक मनाया जा रहा है.

हर वर्ष दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी इसलिए दिवाली भी दो दिन मनाई जा रही है. एक दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए ज्यादा समय तक शुभ मुहूर्त है तो दूसरे दिन कम है.  

कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है दिवाली
इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को दोपहर बाद 3 बजकर 52 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन 1 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा. इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी.

देशभर के अधिकतर विद्वान और ज्योतिषाचार्य 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली मनाने को शुभ मान रहे हैं तो वहीं कुछ विद्वान पंचांग के जरिए दावा करते हुए 1 नवंबर 2024 को दिवाली मनाने पर जोर दे रहे हैं. उनके अनुसार उदयातिथि में दिवाली मनानी चाहिए. 31 अक्टूबर को जिन जगहों पर दिवाली मनाई जाएगी, वहां 1 नवंबर को स्नान-दान की कार्तिक अमावस्या मनाई जाएगी. इसके अलावा जिन जगहों पर 1 नवंबर 2024 को दिवाली की पूजा की जाएगी, वहां 31 अक्टूबर को चतुर्दशी मनाई जाएगी.

क्या है 31 अक्टूबर 2024 को मां लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 
1. 31 अक्टूबर को माता लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06:45 बजे से रात 08:30 बजे तक है. 
2. इस तरह से पूजा के लिए कुल अवधि 01 घंटे 45 मिनट की है. 
3. इस दिन प्रदोष काल शाम को 05:48 बजे से लेकर रात 08:21 बजे तक रहेगा. 
4. वृषभ काल शाम 06:35 बजे से रात 08:33 बजे तक रहेगा.

1 नवंबर 2024 को पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 
1. 1 नवंबर को मां लक्ष्मी की पूजा लिए शुभ मुहूर्त शाम को 05:36 बजे से 06:16 बजे तक है. 
2. इस तरह से पूजा के लिए सिर्फ 41 मिनट की अवधि है. 
3. इस दिन प्रदोष काल शाम को 05:36 बजे से रात को 08:11 बजे तक रहेगा. 
4. 1 नवंबर को वृषभ काल शाम को 06:20 बजे से लेकर रात को 08:15 बजे तक रहेगा.

निशिथ काल की पूजा का मुहूर्त
दिवाली पर्व पर निशिथ काल में आराधना करने का भी विधान है. जो लोग तांत्रिक विधि से माता लक्ष्मी और काली की पूजा करते हैं उनके लिए शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर की रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस समय सिंह लग्न में पूजन करना अत्यंत लाभकारी और शुभ रहेगा.

बन रहे इतने शुभ योग
31 अक्टूबर को दिवाली के शुभ अवसर पर शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन दुर्लभ शिववास योग बन रहा है. इस योग में मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. इस साल दिवाली पर चित्रा नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है.
प्रीति योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण 31 अक्टूबर को प्रातः काल 09:52 बजे से हो रहा है और इसका समापन 1 नवंबर 2024 को 10:41 बजे होगा. प्रीति योग को भी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है

मां लक्ष्मी आती हैं पृथ्वी लोक का भ्रमण करने 
दिवाली के दिन घरों को दीयों से सजाया जाता है और सूर्यास्त के बाद यानी प्रदोष काल में धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना की जाती  है. धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक में भ्रमण के लिए आती हैं. इस रात जो कोई भी मां लक्ष्मी का पूजन करता है, उसकी प्रार्थना जरूर स्वीकार होती है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा से पूरे साल धनधान्य की प्राप्ति होती है. 

दीपावली पर कैसे करें पूजा
1. दिवाली की शाम पूजा के लिए पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें. 
2. इस चौकी पर लाल या गुलाबी रंग के साफ कपड़े बिछाएं. 
3. इसके बाद पहले भगवान गणेश की मूर्ति रखें. फिर उनके दाहिने और मांता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें. जल से भरा कलश भी रखें. 
4. इसके बाद पूजा के लिए आसान पर बैठें और अपने चारों और जल छिड़क लें. इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें. 
5. फिर घी का दीपक जलाएं. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें. 
6. इसके बाद पहले भगवान गणेश, फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें. अंत में आरती करें और शंख ध्वनि करें.
7. इसके बाद घर में दीपक जलाने से पहले थाल में पांच दीपक रखकर उन्हें फूल आदि अर्पित करके पूजा कर लें. 
8. इन दीपकों को घर के अलग-अलग हिस्सों में रखें. ये दीपक घर के अलावा मुख्य द्वार, छत, कुएं के पास और मंदिर में रखें. 
9. दिवाली की पूजा लाल, पीले और चमकदार रंग के वस्त्र धारण करके करें. 
10. दीपावली की पूजा और सजावट में ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के दीयों का प्रयोग करें. 


 

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