देशभर में दिवाली धूमधाम से मनाई गई. लोगों ने दीपक और कैंडल जलाकर दीपावली का पर्व मनाया. इस बार दिवाली कुछ खास रही. जम्मू-कश्मीर का एक ऐसा मंदिर है, जहां 75 सालों के बाद दिवाली का पर्व मनाया गया. ये मंदिर कुपवाड़ा के टीटवाल में स्थित है. इसका नाम शारदा मंदिर है. ये मंदिर एलओसी से सटा हुआ है. सेवा शारदा कमेटी के फाउंडर और प्रमुख रविंद्र पंडिता का कहना है कि यहां 75 साल में पहली बार दिवाली पर पूजा हो रही है.
कहां है मंदिर-
शारदा मंदिर देवी सरस्वती का मंदिर है. मां शारदा देवी सरस्वती का कश्मीरी नाम है. यह मंदिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शारदा के निकट किशनगंगा नदी के किनारे स्थित है. इस पर भारत का अधिकार है. शारदा पीठा कुपवाड़ा से 30 किलोमीटर दूर है, जबकि मुजफ्फराबाद से करीब 140 किलोमीटर दूर है.
75 साल पहले कबाइलियों का हुआ था हमला-
साल 1947 में भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान देश का जन्म हुआ. बंटवारे से पहले इस मंदिर में पूजा होती थी. यहां मंदिर और गुरुद्वारा था. बंटवारे से पहले यहां धूमधाम से दिवाली मनाई जाती थी. लेकिन बंटवारे के समय कबाइलियों ने इस मंदिर पर हमला कर दिया और इसे तोड़ दिया. कबाइलियों ने इसे जला दिया था. उसके बाद से इस मंदिर में कभी दिवाली नहीं मनाई गई. 75 सालों के बाद इस बार इस मंदिर में भव्य दिवाली मनाई गई है.
मंदिर, गुरुद्वारा और मस्जिद का हुआ निर्माण-
पिछले कुछ सालों में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है. इसके लिए सेव शारदा समिति ने एक मंदिर निर्माण समिति का गठन किया था. इसमें तीन स्थानीय मुस्लिम, एक सिख और कश्मीरी पंडित शामिल थे. 28 मार्च को माता शारदा मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ. इसके साथ ही गुरुद्वारा और मस्जिद का भी निर्माण कार्य हुआ.
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