"भार यात्रा" में जनकपुर धाम से मिथिला संस्कृति और परंपरा के अनुसार 1100 भार (गिफ्ट पैक) अयोध्या भिजवाया जा रहा है जिसमें फल, मिठाइयां और सुहाग की सामग्री है. मिथिला संस्कृति में यह मान्यता है कि जब बेटी का गृह प्रवेश होता है तो उसके मायके से तोहफा और अन्य सामग्री भिजवाई जाती है. इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए जब प्रभु राम का मंदिर में गृह प्रवेश होगा तो सीता जी के मायके से भी तोहफा भिजवाया जा रहा है. इसे लेकर जानकी मंदिर परिसर में एक कार्यालय बनाया गया है.
यहां से गुजरेगी भार यात्रा
जनकपुर धाम में इस वक्त हर एक घर से भार यात्रा में भेजने के लिए सामग्री तैयार की जा रही है और जानकी मंदिर ट्रस्ट को सौंपा जा रहा है. पश्चिम चंपारण, कुशीनगर, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर होते हुए छह जनवरी को यात्रा अयोध्या पहुंचेगी. तय कार्यक्रम के मुताबिक यह यात्रा जनकपुर धाम से 4 जनवरी को शुरू होगी और 5 जनवरी की रात अयोध्या पहुंचेगी. 6 जनवरी की सुबह सभी सामग्री को राम मंदिर ट्रस्ट को दी जाएगी. भार यात्रा में शामिल सभी भक्त लाल-पीले परिधान में होंगे.
हर घर से दी जा रही सौगात
जनकपुर धाम में मां जानकी के मंदिर परिसर में स्थानीय लोग अपने घरों से सौगात और भेंट पैक करके जमा कर रहे हैं जो की “भार यात्रा” का हिस्सा होगी. महंत राम रोशन दास ने बताया है कि किस तरीके से लोग अपने घरों से सौगात तैयार करके जानकी मंदिर ला रहे हैं.
बता दें, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में 22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इस समारोह के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देशभर से विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित कर रहा है.
रोहित सिंह की रिपोर्ट