गुजरात के नडियाद में प्रसिद्ध संतराम मंदिर में पोषी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लाखों किलो बेर उछालकर अपनी मन्नत पूरी की. जी हां, इस मंदिर में लोग बेर उछालकर अपनी मन्नतें पूरी करते हैं. गुजरात के संतराम मंदिर में श्रद्धालुओं की अनेरी आस्था है. जिन लोगों के बच्चे बोलना नहीं सीखते हैं, वो लोग यहां आकर अपने बच्चे के बोलने की मन्नत मांगते हैं. जब बच्चा बोलने लगता है तो पौष पूर्णिमा पर मंदिर परिसर में आकर बेर उछालते हैं. और इसी से वे अपनी मन्नत पूरी करते हैं.
लोगों ने उछाले बेर
एक ओर कई लोग जहां श्रद्धा के साथ बेर उछालते हैं. वहीं दूसरी ओर लोग बेर को प्रसाद के रूप में गोदी में लेते हैं. पूर्णिमा पर पूरे दिन मंदिर में श्रध्दालुओं का तांता लगा रहा. मंदिर में श्रद्धालुओं ने बेर उछालकर मन्नत पूरी करने के साथ संतराम महाराज की पादुका के भी दर्शन किए.
बच्चे के बोलने की मांगी जाती है मन्नत
कई सालों से मंदिर में बेर उछालकर मन्नत लेने की परंपरा चली आ रही है. यहां की आस्था है कि बच्चे के बोलने की मन्नत मांगने से वो पूरी हो जाती है. इसबार भी श्रद्धालुओं ने अपनी शक्ति के अनुसार एक किलो से लेकर 20 किलो तक के बेर मंदिर परिसर में उछाले.
वहीं मंदिर के बाहर बेर बेचने वाले भी बड़ी मात्रा में उमड़ पड़े और व्यापारियों ने भी बेर के दाम बढ़ा दिए. फिर भी श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ बेर खरीद कर मंदिर परिसर में बेर उछाले.
(हेताली शाह की रिपोर्ट)