दुर्ग से अयोध्या के लिए रवाना हुई Aastha Special Train, राम नाम की गूंज से राममय हुआ माहौल, 1344 भक्त दर्शन के लिए निकले 

दुर्ग से अयोध्या के लिए आस्था स्पेशल ट्रेन रवाना हो गई है. राम नाम की गूंज से पूरा माहौल राममय हो गया. दर्शन के लिए 1344 भक्त निकले हैं. रेलवे ने इस ट्रेन के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं.

Ramlala
gnttv.com
  • छत्तीसगढ़,
  • 08 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST
  • कड़े हैं सुरक्षा के इंतजाम 
  • भजन कीर्तन करते हुए पहुंचे स्टेशन 

श्री रामलला के दर्शन योजना के अंतर्गत पहली आस्था स्पेशल ट्रेन (Aastha Special Train) छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे से अयोध्‍या के लिए 1344 राम भक्त को लेकर रवाना हो गई. इस बीच रामनाम की गूंज और जयकारे से दुर्ग रेलवे स्टेशन का पूरा माहौल राममय हो गया.  श्रद्धालुओं में उत्साह भी बहुत था. राम भक्तों की टोली में 6 साल के बच्चे से लेकर 70 साल के बुजुर्गों भी शामिल रहे. वहीं दूसरे प्लेटफार्म पर मौजूद अन्य यात्रियों ने भी जयकारे लगाकर उनका उत्साहवर्धन किया.    

भजन कीर्तन करते हुए पहुंचे स्टेशन 

दुर्ग संभाग के सभी 20 विधानसभा क्षेत्र से श्रद्धालु भगवान राम का दर्शन करने गए हैं. इनमें से कुछ श्रद्धालु अपने साथ ढोल मंजीरा लेकर पहुंचे. वह भजन कीर्तन करते हुए स्टेशन पर पहुंचे. इसके बाद आईआरसीटीसी ने सभी श्रद्धालुओं के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की. इसके बाद सभी यात्री ट्रेन में सवार हो गए हैं.

1344 भक्त निकले 

इस ट्रेन में दुर्ग संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले के 1344 दर्शनार्थियों का पंजीकरण किया गया है. ट्रेन में सुरक्षा प्रहरी और आईआरसीटीसी के कर्मचारी भी यात्रा के दौरान साथ रहेंगे. पंजीकृत यात्रियों के अलावा अन्य कोई भी यात्री ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकेंगे. रेलवे द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

अयोध्या जाने वाली एक यात्री ने खुशी जाहिर करते हुए बताया, “मै श्री राम के दर्शन करने अयोध्या जा रही हूं, मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मैं छत्तीसगढ़ सें पहली आस्था ट्रेन सें जा रही हूं. इसके लिए मैं मोदी जी को धन्यवाद देती हूं.”

कड़े हैं सुरक्षा के इंतजाम 

बिलासपुर जोन के डीआईजी आरपीएफ के भवानी शंकर नाथ ने कहा, “आज जो हमारी अयोध्या धाम ट्रेन दुर्ग से अयोध्या धाम जा रही है, इसमें 1344 लोगों की बोर्डिंग यहीं दुर्ग से ही है. इसके लिए टिकट रिजर्वेशन काउंटर बनाए गए हैं, दो दिन टिकट दिया गया है. प्रत्येक बोगी में एक-एक कर तीन गेट बंद रहेंगे और एक गेट खुला रहेगा जिस पर आरपीएफ स्टाफ लगाया गया है ताकि कोई उस गेट से अंदर न जा सके. प्रत्येक बोगी का एक गेट खोला गया है जहां टीटीई और एक आरपीएफ को लगाया गया है. यहां पर उनकी आईडी और टिकट चेक करके उनको प्रवेश दिया जा रहा है. ऑफ साइड को कंट्रोल करने के लिए भी हमने पीछे की तरफ 5 अधिकारी और स्टाफ लगा रखे हैं, ऑफ साइड से कोई प्रवेश न करें. बोगी में कुल बीस गेट पर बोगी को कंट्रोल करने के लिए वन प्लस सिक्स का स्टाफ है. इस स्टाफ के पास 2 बड़े और 4 छोटे आर्म्स हैं तथा ऑफिसर के पास रिवॉल्वर या पिस्टल भी है और बॉडीवार्न कैमरा भी दिया गया है.”

माता कौशल्या की जननी है छत्तीसगढ़

इसी को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि एक-एक लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की जननी है. प्रभु श्रीराम हमारे भांजे हैं. जैसे 500 साल के बाद किसी का भांजा पंडाल में या तंबू में रहने के बाद अपने घर जाता है तो जो खुशी होती है वही छत्तीसगढ़ वासियों को है.” 

(रघुनंदन पंडा की रिपोर्ट)
 

 

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