अयोध्या में आगामी श्री राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ₹39.2 करोड़ की लागत से व्यापक सुरक्षा योजना तैयार की गई है, जिसका उद्घाटन जनवरी 2024 में होने का अनुमान है.
सरकार ने हाल ही में सुरक्षा सुविधाओं के लिए सुरक्षा उपकरणों की स्थापना के प्रारंभिक चरण के लिए फंड्स को ऑथराइज किया. इन उपायों में निरंतर निगरानी के लिए सीसीटीवी सिस्टम, एक्सेस कंट्रोल उपकरण (ड्रोन कैमरे सहित), एक्स-रे बैगेज स्कैनर और बुलेटप्रूफ जैकेट, वाहन, ड्रैगन लाइट, दूरबीन, आपातकालीन अलार्म सिस्टम और हूटर जैसे सुरक्षात्मक गियर शामिल हैं.
एडवांस लेवल की होंगी सुरक्षा सुविधाएं
4 अगस्त को जारी एक वीडियो में, कानून और व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष महानिदेशक प्रशांत कुमार ने अगले साल मंदिर के संभावित उद्घाटन से पहले उन्नत सुरक्षा उपायों और व्यापक भीड़ प्रबंधन प्रणालियों के कार्यान्वयन पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2022 में नए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद वाराणसी में तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी बदलाव देखा. इसके बाद, अयोध्या में भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा योजना बनाई गई है.
हालिया आदेश में ₹10.97 करोड़ की निगरानी/सीसीटीवी प्रणालियों की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग (एसआईटीसी), ₹8.56 करोड़ मूल्य की एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, ₹3.38 करोड़ के सुरक्षात्मक उपकरण, कुल ₹2.84 करोड़ के नदी उपकरणों जैसे कई सिस्टम्स का विवरण दिया गया है. इन गैजेट्स और उपकरणों की कुल लागत ₹31.41 करोड़ है, जिसमें जीएसटी और सरकारी एजेंसी शुल्क क्रमशः 18% और 8% शामिल है, जिसका श्रेय उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगमको दिया जाता है जो पूरे प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहा है.
सर्विलांस सिस्टम में होंगी ये फैसिलिटी
सर्विलांस या निगरानी प्रणाली रोस्टर में पांच मेगापिक्सेल या उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले बुलेट कैमरे, चार मेगापिक्सेल या बेहतर रिज़ॉल्यूशन वाले फुल- हाई डेफिनिशन पीटीजेड (पैन-टिल्ट-ज़ूम) इंफ्रारेड डोम कैमरे, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन (ANPR) सिस्टम के लिए फिक्स्ड या बुलेट आउटडोर इंफ्रारेड कैमरे, न्यूनतम पांच मेगापिक्सेल रिज़ॉल्यूशन वाले इनडोर इन्फ्रारेड कैमरे, ANPR के लिए लोकल प्रोसेसिंग यूनिट, LED डिस्प्ले के साथ पीटीजेड नियंत्रक, और 128 जीबी निगरानी सुरक्षित डिजिटल (एसडी) कार्ड शामिल हैं.
एक्सेस कंट्रोल सिस्टम रोस्टर में ड्रोन कैमरे, एक्स-रे बैगेज स्कैनर, मल्टीज़ोन डोर-फिटेड मेटल डिटेक्टर और हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर भी शामिल हैं. अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधानों में ड्रैगन लाइट, दूरबीन, हैंड ग्रिप मेगाफोन और सायरन के साथ आपातकालीन अलार्म शामिल हैं. सर्विलिएंस और एक्सेस कंट्रोल अपरेट्स से परे, व्यापक सुरक्षा योजना मोटरबोट और लाइफ जैकेट सहित नदी सुरक्षा उपकरणों के लिए ₹7.78 करोड़ आवंटित करती है.
इस पहल के लिए राज्य पुलिस के अलावा, विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) जैसी विशेष एजेंसियों को शामिल किया जाएगा. सुरक्षा रणनीति में डूबने की घटनाओं को कम करने के लिए घाटों पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को तैनात करना भी शामिल है.