आज से गणेश चतुर्थी का 10 दिवसीय उत्सव शुरू होने वाला है. यह शुभ दिन पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी हाथी भगवान की जयंती के सम्मान में मनाई जाती है, हिंदू देवताओं में सबसे अधिक आराध्य भगवान बनने और बाधाओं को दूर करने वाले विघ्नहर्ता की उपाधि अर्जित करने वाले गणपति की चतुर्थी की धूम पूरे देश में है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के स्वामी हैं. जैसा कि हम सभी इस बड़े, शुभ दिन को मनाने के लिए तैयार हैं, आइए बताते हैं कि भगवान गणेश के 7 अलग-अलग अवतार क्या है.
1. वक्रतुंड: भगवान गणेश के पहले अवतार वक्रतुंड को मत्सर राक्षस को हराने और तीनों लोकों में देवताओं के राज्यों की खोई हुई महिमा को वापस लाने के लिए जाना जाता है.
2. एकदंत: एकदंत भगवान गणेश का दूसरा अवतार है. एक का अर्थ है माया और दंत का अर्थ है सत्य. बप्पा का दूसरा अवतार सर्वोच्च सत्य का प्रतीक है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह कहा जाता था कि जब परशुराम ने भगवान गणेश को शिव से मिलने से रोका तो वो क्रोधित हो गए और भगवान गणेश का दांत तोड़ दिया था, तब से उन्हें एकदंत कहा जाने लगा.
3. गजानन: गणेश को गजानन के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है हाथी का सिर. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गज का अर्थ है हाथी और आन का अर्थ है चेहरा. कहा जाता है कि भगवान गणेश ने यह अवतार दुनिया में लालच से लड़ने के लिए आया था.
4. लंबोदर: भगवान गणेश ने क्रोधासुर से लड़ने के लिए यह अवतार लिया था. ऐसा माना जाता था कि क्रोधासुर को क्रोध के राक्षस के रूप में जाना जाता है. बप्पा इस राक्षस और उसके क्रोध से दुनिया को छुटकारा दिलाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने ये रूप लिया.
5. विघ्नराज: इसे भगवान गणेश के सबसे लोकप्रिय अवतारों में से एक माना जाता है. विघ्न का अर्थ है बाधाएं और इस अवतार में बप्पा इन बाधाओं से रक्षा करते हैं और हमें सफलता के मार्ग पर ले जाते हैं.
6. कृष्णपिंगक्ष: यह एक गहरे रंग, एक धुएँ के रंग का रंग और गहरी आँखों को दर्शाता है. यह भगवान गणेश का प्रतीक है, जो पृथ्वी और बादलों के माध्यम से देख सकते हैं और सभी को दर्द से मुक्त करता है.
7. महोदर: महोदर भगवान गणेश के तीसरे अवतार हैं, और वे सभी पापों के लिए क्षमा का प्रतिनिधित्व करते हैं. हिंदी पौराणिक कथाओं के अनुसार, महोदर ने मोहासुर नामक भ्रम के राक्षस का सामना किया, और उसे पाताल लोक भेजने से पहले उसके सभी पापों को क्षमा कर दिया था.