Ganesh Jayanti 2022: 4 फरवरी को है गणेश जयंती, इस दिन करें गणपति जी की पूजा और व्रत, बनेंगे सभी बिगड़े काम

इस साल चतुर्थी तिथि की शुरुआत 4 फरवरी की सुबह में हो रही है इसलिए उदयातिथि के मुताबिक गणेश जयंती 4 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन को ‘विनायक चतुर्थी’ के रूप में मनाते हैं और बहुत से लोग इस दिन व्रत भी करते हैं. क्योंकि गणपति जी का व्रत करना बहुत ही शुभ माना जाता है. 

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  • नई दिल्ली ,
  • 01 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST
  • 4 फरवरी को है गणेश जयंती
  • इस दिन करें गणेश जी की पूजा और व्रत

माघ मास के शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि को ‘गणेश जयंती’ के रूप में मनाया जाता है. और हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 4 फरवरी को सुबह 4 बजकर 38 मिनट पर शुरु हो रही और यह 5 फरवरी को सुबह 3 बजकर 47 मिनट तक रहेगी.

तिथि की शुरुआत 4 फरवरी की सुबह में हो रही है इसलिए उदयातिथि के मुताबिक गणेश जयंती 4 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन को ‘विनायक चतुर्थी’ के रूप में मनाते हैं और बहुत से लोग इस दिन व्रत भी करते हैं. क्योंकि गणपति जी का व्रत करना बहुत ही शुभ माना जाता है. 

इस तरह करें पूजा: 

हिंदू धर्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान गणपति की पूजा करने से यश, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है. गणेश जी बुद्धि प्रदाता भी हैं इसलिए बच्चों को भी इनकी पूजा करनी चाहिए ताकि उनकी शिक्षा अच्छी चलती रहे. गणेश जयंती के दिन वैसे तो व्रत करने की सलाह दी जाती है लेकिन अगर आप व्रत भी न कर पाएं तो सुबह गणपति जी पूजा जरूर करें.  

गणेश जयंती पर भगवान गणेश जी की पूजा का मुहूर्त दोपहर में 11:30 बजे लेकर दोपहर 01:41 बजे तक है.

  • सुबह अपने दैनिक कामों को पूरा करके शुद्ध पानी से स्नान करें और साफ़-सुथरे कपडे पहनें. पीले या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. 
  • इस दिन मंदिर अच्छे से साफ़ करें और किसी लाल रंग के कपड़े पर गणपति जी की प्रतिमा को स्थापित करें.
  • प्रतिमा के सामने घी का दिया जलाएं और उन्हें रोली का टीका लगाएं.
  • टीका लगाने के बाद आप उन्हें अक्षयत और दूर्वा अर्पित करें. दूर्वा अर्पित करने से गणेश जी सभी मनोकामनाएं पुरी करते हैं. 
  • मान्यता है कि गणेश जी को पीले पुष्प और मोदक प्रिय हैं और आप इस दिन ये दोनों चीजें उन्हें समर्पित कर सकते हैं. 

क्या करें और क्या न करें: 

  • इस दिन दान का बहुत महत्व है. इसलिए दान अवश्य करें.
  • 'वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥’- इस मंत्र का जाप करें ताकि विघ्नहर्ता गणपति आपके सभी दुःख खत्म कर दें.
  • गणेश जयंती के दिन चंद्रमा दर्शन वर्जित होता है. यह विनायक चतुर्थी है, इसमें चंद्रमा को देखने से मिथ्या कलंक लगता है. इसलिए किसी को भी इस दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए. 

डिस्क्लेमर: यह लेख पहले से उपलब्ध मान्यताओं और जानकारियों के आधार पर लिखा गया है. इसलिए इस पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से बात करें. 

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