हिंदू धर्म में सैंकड़ों पर्व त्यौहार हैं और सबका अपना अलग-अलग धार्मिक महत्त्व है. इसी तरह गंगा दशहरे को भी काफी महत्व दिया गया है. यह हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल मनाए जाने वाला गंगा दशहरा का समय काफी नजदीक आ गया है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि यह कितने तारीख को मनाया जाएगा और शुभ मुहूर्त कितने बजे है. इसके साथ हम यह भी जानेंगे कि आखिर गंगा दशहरा मनाया क्यों जाता है, हिन्दू धर्म में इसका क्या महत्व है और आपको इस दिन क्या करना चाहिए। सबसे पहले जानते हैं कि इस पर्व को क्यों मनाया जाता है.
इसलिए मनाया जाता है गंगा दशहरा
हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं में इस पर्व के बारे में बताया गया है. कथा के अनुसार गंगा जी भगवान विष्णु के चरणों में रहती थी. भागीरथ की कठोर तपस्या के बाद गंगा को भगवान भोले ने अपनी जटाओं में धारण कर लिया. बाद में भागीरथ को फिर से एक बार तपस्या करनी पड़ी तब जाकर भगवान शंकर ने अपनी जटाओं को खोलकर गंगा को धरती पर जाने की अनुमति दी. गंगा जी के धरती पर आने के उपलक्ष्य में ही गंगा दशहरा मनाया जाने लगा.
हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा के दिन सुबह स्नान करने के बाद मां गंगा की पूजा और आरती करनी चाहिए. संभव हो तो गंगा जी में ही स्नान करें. ऐसा माना गया है कि गंगा दशहरा के दिन जो मनुष्य गंगा स्नान करके पूजा पाठ और दान करता है, उसके सारे पापों का नाश हो जाता है. भगवान विष्णु ऐसा करने वालों से प्रसन्न होते हैं.
इतने बजे है शुभ मुहूर्त
इस बार गंगा दशहरा दिन गुरुवार 9 जून को है. अगर बात शुभ मुहूर्त की बात करें तो 9 जून की सुबह 8:21 से लेकर 10 जून को शाम 7:25 तक शुभ मुहूर्त का समय है.
गंगा दशहरा के दिन क्या करना चाहिए
सुबह गंगा में स्नान करने के बाद पूजा पाठ करें और मां गंगा की आरती करें। इसके बाद निर्धन को दान करें. गंगा दशहरा के दिन दान का विशेष महत्व दिया गया है. यह जरूरी नहीं है कि पैसे का ही दान करना है. चाहें तो गर्मी से राहत दिलाने वाली चीजों को दान में दे सकते हैं. जैसे शरबत, पानी, मटका, पंखा आदि. लेकिन दान देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दान की जाने वाली वस्तुओं की संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए.