Gayatri Jayanti: 11 जून को है मां गायत्री जयंती, जानिए गायत्री मंत्र का जाप का क्या हो तरीका, जिससे हो चमत्कारी फायदा

Gayatri Jayanti 2022: 11 जून को मां गायत्री जयंती है. मां गायत्री भगवान ब्रह्मा की पत्नी हैं और वेदों की माता हैं. ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि गायत्री मंत्र में इतनी शक्ति है कि ये आपकी हर परेशानी को दूर कर सकता है. त्रिदेव भी गायत्री माता की आराधना करते हैं.

11 जून को है गायत्री जयंती
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST
  • 11 जून को है मां गायत्री जयंती
  • इस दिन गायत्री मंत्र के जाप से मिलता है फायदा

मां गायत्री कमलासना है. मां का स्वरूप अति कोमल है. मां के पांच मुख हैं. आठ हाथों वाली मां गायत्री के दो हथ वरमुद्रा में रहते हैं, जबकि बाकियों में कमल, अन्न पात्र, पाश,गदा,शंख,चक्र जैसे अस्त्र सुशोभित होते हैं. देवी गायत्री को वेदों की माता कहा जाता है. माता गायत्री को देवी पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी का संयुक्त अवतार भी माना जाता है. हिंदू धर्म में गायत्री देवी को मंत्र को महामंत्र भी कहा गया है. इस मंत्र के जाप से हर परेशानी दूर हो सकती है. ज्योतिष शास्त्र के उपायों में भी गायत्री मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है. गायत्री जयंती पर देवी की पूजा विशेष रूप से करने का विधान है.

  • गायत्री जयंती का शुभ मुहूर्त
  • 11 जून को मनाई जाएगी मां गायत्री जयंती
  • ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी को हुआ था मां का प्राकट्य
  • सर्वार्थ सिद्ध योग में मनेगी मां की जयंती

मां गायत्री की उत्पत्ति-
पौराणिक मान्यताओं के आधार पर ब्रह्म देव जब सृष्टि की रचना के प्रारंभ में थे, तब उन पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था. उन्होंने ही सर्वप्रथम गायत्री माता का आह्वान किया. अपने मुख से गायत्री मंत्र की व्याख्या की. इस तरह से गायत्री माता का प्रकाट्य हुआ. गायत्री माता से ही चारों वेद, शास्त्र आदि पैदा हुए.

मां गायत्री का पूजा विधान-
11 जून शनिवार को ही गायत्री जयंती का पर्व मनाया जाएगा. इस पूरे दिन कभी भी देवी गायत्री की पूजा की जा सकेगी. क्योंकि मां गायत्री की जयंती इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. अब आपको बताते हैं मां गायत्री की पूजा का विधान क्या है.

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान क शुद्ध हो जाएं
  • हाथ में जल लेकर गायत्री जयंती के व्रत और पूजा का संकल्प लें
  • इसके बाद देवी गायत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें 
  • उनके सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं
  • इसके बाद देवी गायत्री को फूल माला अर्पित करें
  • इसके बाद मां गायत्री की पंचोपचार विधि से पूजा करें
  • पूजा के बाद देवी को भोग लगाएं
  • आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करें
  • अंत में आरती करें और प्रसाद भक्तों में बांट दें

गायत्री मंत्र की खास बातें-
इस प्रकार देवी गायत्री की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और निगेटिविटी दूर होती है. गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा गया है. इसके उपाय करने से जीवन में आ रही सारी परेशानी दूर हो जाती है. बस जरूरत है सही नियम और संयम के साथ गायत्री मंत्र का जाप करने की. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो गायत्री मंत्र के प्रभाव से आपको रोगों से मुक्ति मिल जाती है. मन शांत होता है और जीवन में खुशहाली आती है. आइए जानते हैं गायत्री मंत्र से जुड़ी कुछ और खास बातें.

  • ईश्वरीय प्रकाश की साधना का सबसे शक्तिशाली मंत्र 'गायत्री मंत्र'
  • सबसे चमत्कारी और सबसे प्रभावशाली मंत्र 'गायत्री मंत्र'
  • जिस मंत्र में है चार वेदों का समावेश
  • जिस मंत्र मैं है हर समस्या का समाधान
  • गायत्री मंत्र से बढ़ेगा ज्ञान और मान-सम्मान

क्या है गायत्री मंत्र-
सभी मंत्रों में सबसे प्रभावशाली जिस मंत्र को माना जाता है. वो हैं गायत्री मंत्र, क्योंकि गायत्री मंत्र में 4 वेद, 18 पुराण, 108 उपनिषद और सनातन धर्म के सैकड़ों शास्त्र और ग्रंथ समाएं हैं.

  • गायत्री मंत्र मुख्यतः वेदों की ऋचा है
  • यह मुख्यतः यजुर्वेद और ऋग्वेद के दो भागों से मिलकर बना है
  • इस ऋचा में मुख्यतः ईश्वरीय प्रकाश (सविता) की आराधना की गई है

क्या है मंत्र जाप की विधि-
गायत्री मंत्र के विषय में पुराणों में उल्लेख मिलता है कि जैसे भगीरथ ने अथक तपस्या कर मां गागा को धरती पर लाए थे. वैसे ही महर्षि विश्वामित्र ने कठोर तप कर ब्रह्मा जी से गायत्री मंत्र की दीक्षा पाई और फिर उसे जन जन तक पहुंचाया. गायत्री मंत्र की महिमा अपरंपार है. इस मंत्र के जपने मात्र से कई तरह के पापों और कष्टों का नाश हो जाता है. गायत्री मंत्र के जाप से पुण्य फल में वृद्धि होती है और कार्यों में सफलता मिलती है. इसलिए शास्त्रों में गायत्री मंत्र के जाप का विधान बताया गया है.

  • प्रातः या सायंकाल के संधि समय का चुनाव करें
  • पीले वस्त्र धारण कर गायत्री मंत्र का जप करें
  • गायत्री मंत्र के लिए स्नान के साथ मन और आचरण पवित्र रखें
  • वैवाहिक जीवन के लिए चन्दन या हल्दी की माला का प्रयोग करें
  • मंत्र जाप के पहले गुरु वंदना कर लें ,ये सबसे ज्यादा जरूरी है
  • सुबह पूर्व दिशा की ओर मुख करके और शाम को पश्चिम दिशा में मुख कर गायत्री मंत्र का जाप करें
  • मंत्र जाप के पूर्व जो भी इच्छा है उसको मन में दुहरा लें
  • गायत्री का जाप करें तो पूर्ण रूप से सात्विक रहें, खान पान में सावधानी बरतें
  • याद रखें कि गायत्री मंत्र जप किसी गुरु के मार्गदर्शन में ही करें तो उत्तम लाभ होगा

शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि आकाशवाणी से ही सृष्टि के रचयिता को गायत्री मंत्र प्राप्त हुआ था. गीता में भगवान श्री कृष्ण ने बताया है कि मंत्रों में वो गायत्री मंत्र हैं. यही वजह है कि तांत्रिक और वैदिक मंत्रों का अनुष्ठान बिना गायत्री मंत्र के पूरा नहीं होता. क्योंकि गायत्री को वेदमाता कहा जाता है.

गायत्री मंत्र का जाप-
गायत्री मंत्र का जाप कब सबसे प्रभावशाली होता है ये जानना भी बहुत जरूरी है. गायत्री मंत्र का जाप तीन समय में किया जाए तो ज्यादा असरदार माना जाता है.

  • पहला समय

गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से थोड़ी देर पहले शुरू करें
मंत्र जाप सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक कर सकते है

  • दूसरा समय

दोपहर के समय में भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता 

  • तीसरा समय

गायत्री मंत्र का जाप सूर्यास्त से पहले शुरू करें 
मंत्र जाप सूर्यास्थ के थोड़ी देर बाद तक करें
गायत्री मंत्र का प्रयोग हर क्षेत्र में सफलता के लिए सिद्ध माना गया है. इसीलिए आपके जीवन में या फिर आपके परिवार में कोई भी समस्या, संकट या फिर परेशनी हो, हर परेशानी की हल गायत्री मंत्र का जप है.

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