जीसस के सूली पर चढ़ाए जाने का दिन गुड क्यों है... जानिए

यरुशलम या जेरूसलम में यीशू के खिलाफ षड़यंत्र रचा गया और शुक्रवार को सूली पर लटका दिया गया. सूली पर लटाने की घटना को गुड फ्राइडे के नाम से जानते हैं.

God Jesus
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST

आज गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है. ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे यीशू  (ईसा) मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने का दिन है.  गुड फ्राइडे की तैयारी प्रार्थना और उपवास के रूप में चालीस दिन पहले ही शुरू हो जाती है. ये तो गुड फ्राइडे से जुड़ी बेसिक बातें हुई इसके अलावा इस दिन के बारे में और भी खास बातें हैं आईये इनके बारे में जानते हैं. 

गुड फ्राइडे यानी  भगवान के सूली पर चढ़ने का दिन 

ईसाई धर्म के ज्यादातर त्योहार जीजस से जुड़े हुए हैं. गुड फ्राइडे वो दिन है जिस दिन गॉड जिसस सूली पर चढ़ा दिए गए थे. इस वजह से इस दिन को क्रूसीफिकेशन का दिन कहा जाता है. गुड फ्राइडे को पहले 1290 ईसवी के डिक्शनरी के मुताबिक़ " गौउड फ्राइडे " के नाम से जाना जाता था. बाद में ये नाम बदल दिया गया.  माना जाता है कि यीशू सूली पर चढ़ने के तीसरे दिन वापस लौट आए थे. ये सब ठीक वैसा हो रहा था, जैसा होने का वादा ईश्वर ने अपने पहले शास्त्र में दर्ज किया था. 

"गुड फ्राइडे " का गुड कितना  "गुड "

ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी  के मुताबिक गुड मतलब "अच्छा"  होता है.वहीं बाइबिल में गुड फ्राइडे का मतलब एक दिन या सीजन की तरह बताया गया है जिसे सबसे पवित्र माना गया है. इसलिए क्रिसमस या पैनकेक दिवस पर अभिवादन  GOOD DAY यानी अच्छा समय कह कर किया जाता है. 

पैनकेक दिवस पवित्र दावत से जुड़ा हुआ है. पैनकेक दिवस ईस्टर से पहले होता है. यह आम तौर पर फरवरी और मार्च के महीने में होता है. गुड फ्राइडे के अलावा गुड वेडनसडे ईस्टर के पहले मनाया जाता है. लेकिन गुड फ्राइडे के मुकाबले ये कम फेमस है. 

अमेरीकी कैथोलिक स्कूल के 1885 से 1960 के मानक पाठ- बाल्टीमोर जिरह ये बताता है कि, गुड फ्राइडे इसलिए अच्छा है  क्योंकि यीशू मसीह ने " इंसानों के लिए अपना प्यार दिखाया है, और इस तरह हम सबने भगवान का आशिर्वाद मिला.  

अपनी मर्ज़ी से यीशू  ने उठाया था ये दर्द 

ईसाई धर्म में यीशू को ईश्वर का बेटा माना जाता है. इस दिन के बारे में ये माना जाता है कि यीशू अपनी मर्ज़ी से सूली पर चढ़े थे. वे चाहते तो इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. यीशू  ऐसा करके अपने चाहने वाले को अपनी कुर्बानी का महत्तव समझाना चाहते थे. 

क्रूसीफिकेशन के बाद भी क्यों कहा जाता है इसे गुड फ्राइडे 

इस दिन जीजस की मौत हुई थी फिर भी यह दिन गुड फ्राइडे (Good Friday) कहलाता है. इस दिन ईसाई धर्म के लोग पॉजिटिव रवैया अपनाते हैं. लोग अपनी गलती को याद करते हैं ताकि आने वाले समय में वो अपनी गलतियों को दुरुस्त कर सकें. 
 
इस्लाम से कैसे जुड़े हैं  पैगंबर यीशू 

इस्लाम के आख़िरी पैग़म्बर मोहम्मद (सल-लल-लाहो अलैहि वसल्लम) ने 630 ईस्वी में मक्का पर फ़तह हासिल किया था.  पैग़म्बर मोहम्मद ने काबे में रखे तमाम प्रतिमाएं हटा दी थी, लेकिन एक कुंवारी मां और बच्चे की प्रतिमा को अपने चोंगे से ढ़क लिया था. ये क़िस्सा कम से कम 1200 बरस पुराना है और इस्लाम के तारीख़ी लेखों के शुरुआती दौर का है.

क़ुरान में ईसा मसीह का जिक्र कुछ इस तरह है 

मुसलमानों का पवित्र ग्रंथ क़ुरान के एक तिहाई हिस्से में  पैग़म्बर मोहम्मद (सल-लल-लाहो अलैहि वसल्लम)  से पहले के पैग़म्बरों का जिक्र किया गया है और इसमें से ज़्यादातर में बाइबिल (ईसाइयों का पवित्र ग्रंथ) का हवाला दिया गया है. इसमें इशा मसीह का भी जिक्र है. मुसलमानों  का मानना है कि हजरत ईशा  (जीसस) अल्लाह के  पैगंबर थे और उनकी पैदाइश  कुआंरी मरियम ( वर्जिन मैरी) की कोख से हुई थी. 

 

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