हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा एक लोकप्रिय त्योहार है. कार्तिम महीने में हर साल शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा मनाई जाती है. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा का विधान है. इस दिन गोवर्धन भगवान को 56 भोग लगाने की भी परंपरा है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण के अलावा गौ माता की भी पूजा की जाती है.
13 या 14 नवंबर को है गोवर्धन पूजा?
इस साल गोवर्धन पूजा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस साल गोवर्धन पूजा 13 नवंबर को है या 14 नवंबर को है. इसको लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. इस साल गोवर्धन पूजा की तिथियां 13 नवंबर और 14 नवंबर दोनों दिन पड़ रही है. इस लिए इस बार गोवर्धन पूजा 13 नवंबर और 14 नवंबर दोनों दिन मनाई जाएगी.
पूजा का शुभ मुहूर्त-
गोवर्धन पूजा के दिन कान्हा की पूजा होती है. इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा की तिथि आज यानी 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी. जबकि अगले दिन यानी 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के मुताबिक गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाई जाएगी. हालांकि 13 नवंबर को भी शुभ मुहूर्त में पूजा की जा सकती है. गोवर्धन पूजा सुबह के समय ही की जाती है. इसलिए 14 नवंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा और 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
क्या है पूजा विधि-
इस त्योहार पर भक्त भगवान कृष्ण को अर्पित करने के लिए भोग प्रसाद तैयार करते हैं. इस दिन गाय के गोबर से टीला बनााया जाता है. भगवान गिरिराज की आकृति बनाने के अलावा उसमें पशुओं की आकृति भी बनाई जाती है. इसके बाद इन पहाड़ियों को फूलों से सजाते हैं. फूल, हल्दी, कुमकुम, चावल, अक्षत से पूजा करते हैं. गोवर्धन पर्वत बनाने के बाद उसके पास तेल का दीप जलाकर रखें. गोवर्धन पूजा में अन्नकूट की मिठाई का भोग लगाया जाता है. इसके बाद गोवर्धन पर्वत की 7 बार परिक्रमा की जाती है. गोवर्धन पूजा उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.
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