गुजरात के जूनागढ़ में होता है अनूठा नागा बाबा मेला...शिवरात्रि के दिन खुद शिव आकर कुंड में करते हैं स्नान

शिवरात्रि के इस मेले का मुख्य आकर्षण नागा साधु होते हैं. इस मेले में नागासाधु का आर्शीवाद लेने और देखने आते हैं. इस मेले में यहां सेवा के उद्देश से पंडाल लगते है और हर रोज लगभग 5 लाख लोग भोजन और दर्शन करते हैं. मेले में नागासाधु अलग-अलग रूप में दिखाई देते हैं.

Naga Baba Mela in Junagarh, Gujarat
गोपी घांघर
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST
  • भभूत लगाकर शिव को रिझाते हैं साधु
  • कोरोना की वजह से दो साल बाद लगा मेला

जूनागढ़ के भवनाथ में महाशिवरात्रि की रात को शिवजी का बड़ा मेला लगता है, जिस की आज से शुरुआत हो गयी है. शिवारात्रि के इस मेले में बम बम भोले की आवाज के साथ अनूठा नजारा देखने मिलता हैं. यहां हजारों की तादाद में शिवरात्रि की रात को नागा बावा गिरानर की तलेटी में बने भवनाथ के शिव मंदिर के मुर्गी कुंड में नावाबावा शाही स्नान करते हैं. 

अलग-अलग भेष धारण करते हैं नागा बाबा
शिवरात्रि के इस मेले का मुख्य आकर्षण नागा साधु होते हैं. इस मेले में नागासाधु का आर्शीवाद लेने और देखने आते हैं. इस मेले में यहां सेवा के उद्देश से पंडाल लगते है और हर रोज लगभग 5 लाख लोग भोजन और दर्शन करते हैं. मेले में नागासाधु अलग-अलग रूप में दिखाई देते हैं. कोई यहां आग पर बैठ कर तप करता दिखता है तो कोई कांटो का बिस्तर बनाकर उसमें आराम फरमाता दिखता हैं. कई साधु तो 50 किलो से अधिक भार की रुद्राक्ष की माला पहने दिखाई देते हैं तो कई बालकों ने छोटी उम्र में ही दीक्षा लेकर शिव को हासिल करने का मन बना लिया है. ये एक ऐसा मेला है जिसमें नागा साधु के रूप, श्रृंगार और अनूठा तप देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. 

कोरोना की वजह से दो साल बाद लगा मेला
गिरनार तीर्थ क्षेत्र में आयोजित महा शिवरात्रि मेला पांच दिन का होता है जोकि शिवरात्रि को खत्म होता है. अब तक 2 लाख से अधिक भक्तों ने मेले का आनंद लिया है. मेले में कारोबार करने वाले छोटे-बड़े कारोबारियों की भी काफी भीड़ लग रही है. कोरोना के दो साल बाद इस साल अब मेला लगा है तो श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. मंदिरों और पूजा स्थलों के साथ-साथ उत्तरामंडल में अन्नक्षेत्रों में काफी भीड़ लगी है. हर-हर महादेव की ध्वनि के साथ हर कोई निशुल्क प्रसाद का आनंद उठा रहा है. देश भर के 3000 से अधिक नागा साधु धूप जलाते और शिव की पूजा करते देखे जा रहे हैं.

भभूत लगाकर शिव को रिझाते हैं साधु
शिवरात्रि के अवसर पर नागा साधुओं द्वारा शिव को प्राप्त करने के लिए शरीर पर भभूत लगाकर भूतनाथ को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है. कहा जाता है कि यहां गिरनार पर्वत पर मां पार्वती यानी अंबा का मंदिर है और गिरनार के पर्वत की तलेटी में भवनाथ का मंदिर है. यहां शिवारात्रि की रात को खुद शिव आकर इसी मिर्गी कुंड में स्नान करते हैं, जिस वजह से शिवरात्रि की रात्र देश के ज्यादातर नागा साधु यहां स्नान करने के लिए आते हैं. 

 

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