हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनाई जाती है. हनुमान जयंती को हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) भी कहा जाता है. पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि इसी दिन राज केसरी और माता अंजनी के घर बजरंगबली का जन्म हुआ था. इस दिन हनुमान जी के साथ प्रभु श्रीराम और माता सीता की पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं इस बार हनुमान जयंती किस दिन मनाई जाएगी और क्या है शुभ मुहूर्त व पूजा विधि?
कब है हनुमान जयंती
भक्तों में इस बार हनुमान जन्मोत्सव की तिथि को लेकर कंफ्यूजन है. कई लोग 12 अप्रैल तो कुछ 13 अप्रैल 2025 को हनुमान जयंती मनाने की बात कर रहे हैं. आइए जानते हैं आखिर किस दिन हनुमान जयंती मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 3:20 बजे से होगी और इसका समापन अगले दिन 13 अप्रैल 2025 को सुबह 5:52 बजे होगा. हिंदू धर्म में उदयातिथि का विशेष महत्व होता है इसलिए हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी.
क्या है शुभ मुहूर्त
इस बार हनुमान जयंती के दिन कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. रवि, जय, हस्त और चित्रा नक्षत्र बन रहा है. हस्त नक्षत्र 12 अप्रैल को शाम 6 बजकर 7 मिनट तक बना रहेगा. व्याघात योग रात 8 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. ऐसे में हनुमान जी की कृपा भक्तों को प्राप्त होगी. 12 अप्रैल को हनुमान जी पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त सुबह 7 बजकर 35 मिनट से सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. इसके बाद बजरंगबली की आराधना के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 45 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 8 मिनट तक रहेगा.
हनुमान जन्मोत्सव पर ऐसे करें पूजा
1. सबसे पहले हनुमान जन्मोत्सव के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर लें.
2. इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े धारण करें.
3. फिर पूजा स्थल पर एक लकड़ी का चौकी या वेदी पर साफ लाल या पीला कपड़ा बिछाएं.
4. इसके बाद इस चौकी पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें.
5. अब हनुमान जी को गंगाजल से स्नान कराकर उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें.
6. फिर फूल, फल और मिठाई का भोग अर्पित करें.
7. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें. आप बजरंग बाण और अष्टक का पाठ भी कर सकते हैं.
8. अतं में हनुमान जी की आरती करके लोगों में प्रसाद बांट दें.
ऐसे करें हनुमान जी को प्रसन्न
हनुमान जयंती के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से भक्त पर बजरंबली की कृपा बनी रहती है. इस दिन 5, 7 या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. इस दिन आप किसी परेशानी से निजात पाने के लिए हनुमान मंदिर में जाकर घी या सरसों तेल की दीया जला सकते हैं. इस दिन बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए सिंदुरी रंग का लंगोट पहनाएं और गुड़-चने का भोग लगाएं. हनुमान जी को चिरंजीवी कहा जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि बजरंगबली आज भी धरती पर अपने शरीर के साथ विराजमान हैं और भक्तों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. बजरंगबली को भगवान शिव का ग्यारहवां रुद्र अवतार माना जाता है.